सिंगल प्रीमियम इंश्योरेंस पॉलिसी पर टैक्स
धारा 10(10D) सिग्नल प्रीमियम इंश्योरेंस पॉलिसी की मैच्योरिटी राशि पर छूट प्रदान नहीं करती है. लेकिन अगर बीमा राशि (सम अश्योर्ड) पॉलिसी की अवधि के लिए देय प्रीमियम का दस गुना है, तो मैच्योरिटी बेनिफ़िट की राशि पर कोई टैक्स नहीं लगता है.
धारा 10 (10D) के तहत यूलिप प्लान्स के लिए टैक्स में छूट
फाइनेंस बिल 2021 में धारा 10 (10D) टैक्स छूट में संशोधन का प्रस्ताव दिया गया है , जिसमें सुझाव दिया गया है कि यह प्रावधान 1 फरवरी, 2021 को या उसके बाद ख़रीदे गए यूलिप पर और अगर एक वित्तीय वर्ष में देय सभी प्लान्स के कुल वार्षिक प्रीमियम ₹2,50,000 से ज़्यादा पर लागू नहीं होना चाहिए. यूलिप पॉलिसी के छूट के लिए योग्य नहीं होने के बाद, यह डेथ क्लेम के समय के अलावा जैसी है वैसी ही रहेगी. देय प्रीमियम राशि में टॉप-अप प्रीमियम, राइडर्स, GST और राइडर्स पर लोडिंग (यदि कोई हो) शामिल है.
संशोधनों के अनुसार, यूलिप प्लान को कैपिटल एसेट्स के तौर पर कैटेगराइज़ किया जाएगा. सभी मैच्योरिटी, सरेंडर या आंशिक विथड्रावल से हुई कमाई पर पॉलिसीहोल्डर पर कैपिटल गेन्स के रूप में टैक्स लगाया जाएगा.
मौत की दुर्भाग्यपूर्ण घटना में, पूरे डेथ बेनफीट पर टैक्स में छूट दी जाती है. कुल प्रीमियम की सीमा चाहे जो भी हो, पॉलिसीहोल्डर की मृत्यु होने पर मिलने वाले बेनिफिट टैक्स -फ्री रहेंगे.