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धारा 10 (10D) के तहत इनकम टैक्स बेनफीट के बारे में जानें


धारा 10 (10D)  

पॉलिसीहोल्डर के निधन के बाद लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी परिवार को वित्तीय सुरक्षा प्रदान करती है. यह परिवार के सदस्यों को उनकी वित्तीय ज़रूरतों और ज़रूरी खर्चों को आसानी से पूरा करने में मदद करता है. हालाँकि, इंश्योरेंस बेनिफिट के रूप में मिलने वाला पैसा इनकम के रूप में गिना जाता है और यह इनकम टैक्स के दायरे में आता है.

भारतीय नागरिकों पर टैक्स का बोझ कम करने के लिए, भारत सरकार ने लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी के तहत मिलने वाले किसी भी बेनिफिट पर टैक्स छूट देने के लिए इनकम टैक्स एक्ट की धारा 10 (10D) निर्धारित की है.

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लाइफ इंश्योरेंस लेना क्यों ज़रूरी है?
 

टर्म इंश्योरेंस प्लान, इंश्योर्ड व्यक्ति की मृत्यु जैसी किसी दुर्भाग्यपूर्ण घटना के मामले में आपके प्रियजनों को वित्तीय स्थिरता प्रदान करता है. बेनिफिशयरी या नॉमिनी को इस चुनौतीपूर्ण समय में उनकी मदद करने के लिए टैक्स-फ्रीलम्पसम राशि मिलेगी.

टर्म इंश्योरेंस प्लान जैसे लाइफ इंश्योरेंस के महत्वपूर्ण फायदों में से एक यह है कि ये सबसे किफ़ायती प्लान्स में से एक है और अन्य तरह के लाइफ इंश्योरेंस की तुलना में इसके प्रीमियम कम होते हैं. किसी भी दुर्भाग्यपूर्ण घटना के मामले में अपने प्रियजनों को मानसिक शांति देने का यह एक आसान तरीका है, जिसके वे हक़दार हैं.



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इनकम टैक्स एक्ट, 1961 की धारा 10 (10D) क्या है?
 

इनकम टैक्स एक्ट 1961 की धारा 10 (10D) में क्लेम की टैक्सेबिलिटी से संबंधित नियम निर्दिष्ट किए गए हैं, जैसे कि डेथ और मैच्योरिटी बेनिफ़िट. यह किसी व्यक्ति को अपनी लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी के माध्यम से प्राप्त होने वाले अर्जित बोनस और सम अश्योर्ड (अगर कोई हो) पर टैक्स छूट का फायदा उठाने की सुविधा देता है.

यह छूट लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी के सभी तरह के क्लेम पर उपलब्ध है और इसमें सरेंडर वैल्यू और बोनस भी शामिल हैं. इंडिविजुअल (वेतनभोगी और गैर-वेतनभोगी), एसोसिएशन, व्यक्तियों के निकाय, हिंदू अविभाजित परिवार (एचयूएफ), ट्रस्ट, कंपनियां, विदेशी कंपनियां, और अन्य इन अपवादों का क्लेम करने के पात्र हैं.

आइए काल्पनिक सिनेरियो की मदद से प्रावधान को समझें. श्री जैन ने टर्म इंश्योरेंस प्लान खरीदा और अपने बेटे को बेनिफिशियरी के तौर पर नॉमिनेट किया. दुर्भाग्यपूर्ण सड़क दुर्घटना में श्री जैन की मृत्यु हो गई. इंश्योरेंस प्रोवाइडर ने उसके बेटे को डेथ बेनिफिट दिया.

अब, यह लम्पसम इनकम की तरह लगता है, भले ही ऐसा न हो. धारा 10 (10D) इंश्योरर द्वारा आपके परिवार के सदस्य को दी जाने वाली राशि को इनकम के तौर पर नहीं देखता है. यह सुनिश्चित करता है कि पैसा टैक्सेशन उद्देश्यों के लिए इनकम की कैलकुलेशन से मुक्त है.

 

धारा 10 (10D) के तहत टैक्स छूट क्या हैं?

इनकम टैक्स एक्ट, 1961 की धारा 10 (10D) के तहत जो अलग-अलग टैक्स बेनिफिट मिल सकते हैं, उनमें ये शामिल हैं:

  • अगर 1 अप्रैल 2003 को या उसके बाद और 31 मार्च 2012 को या उससे पहले खरीदे गए लाइफ इंश्योरेंस प्लान के लिए पॉलिसी अवधि के दौरान किसी भी वित्तीय वर्ष में देय प्रीमियम, सम अश्योर्ड के 20% से अधिक नहीं है, तो इसमें धारा 10 (10D) के तहत टैक्स छूट दी जाती है.

  • अगर पॉलिसी 1 अप्रैल, 2012 को या उसके बाद खरीदी जाती है, तो टैक्स छूट पाने के लिए, देय प्रीमियम, इंश्योरेंस के 10% से ज़्यादा नहीं होना चाहिए.

  • अगर इंश्योर्ड वयक्ति गंभीर रूप से बीमार या विकलांग है, तो छूट 1 अप्रैल 2013 को या उससे पहले खरीदी गई पॉलिसी पर है, जहाँ प्रीमियम सम अश्योर्ड के 15% से ज़्यादा नहीं होता है.

    • इस छूट के तहत स्वीकार की गई बीमारियाँ धारा 80DDB में दी गई हैं.

    • इस छूट के लिए जिन विकलांगताओं पर विचार किया गया है, वे अधिनियम की धारा 80U के तहत बताई गई हैं.

  • धारा 10 (10D) के तहत इक्स्क्लूश़न

    कुछ इंश्योरेंस क्लेम और भुगतान धारा 10 (10D) के तहत कवर नहीं होते हैं. इनमें शामिल हैं:

    • कीमैन इंश्योरेंस पॉलिसी के तहत प्राप्त होने वाली कोई भी राशि.

    • यह धारा इनकम टैक्स अधिनियम, 1961 की धारा 80DD (3) या 80DDA (3) के तहत बेनिफिशयरीयों को मिले भुगतान पर छूट नहीं देती है.

    • अगर प्रीमियम 1 अप्रैल, 2003 और 31 मार्च 2012 के बीच खरीदी गई पॉलिसी के लिए बीमा राशि (सम अश्योर्ड) के 20% से ज़्यादा है, तो पेआउट धारा 10 (10D) के तहत कटौती के लिए लागू हैं.

    • जब किसी भी पॉलिसी वर्ष के दौरान प्रीमियम सम अश्योर्ड के 10% से अधिक हो जाता है, तो 1 अप्रैल 2012 के बाद खरीदे गए लाइफ इंश्योरेंस प्लान के तहत मिलने वाले फायदों में कोई कटौती नहीं की जाती है.


धारा 10 (10D) के तहत टैक्स बेनिफिट के लिए पात्रता मानदंड

इनकम टैक्स एक्ट की धारा 10 (10D) के तहत टैक्स छूट का पात्र होने के लिए, निम्नलिखित शर्तों को पूरा करना ज़रूरी है:

  1. धारा 10 (10D) के तहत, पॉलिसीहोल्डर भारतीय और अंतर्राष्ट्रीय लाइफ इंश्योरेंस कंपनियों की लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसियों के लिए लागू टैक्स बेनिफिट्स ले सकते हैं.
  2. लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी के सभी क्लेम टैक्स में कटौती के लिए पात्र हैं.
  3. यह प्रावधान लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी से प्राप्त पैसों पर टैक्स में कटौती की पेशकश करता है, जिसमें मैच्योरिटी बेनिफिट, डेथ मैच्योरिटी और अर्जित इंसेंटिव शामिल हैं.
  4. लाइफ इंश्योरेंस कवरेज की अधिकतम मांग पर कोई रोक नहीं है.
  5. कीमैन इंश्योरेंस पॉलिसी में भुगतान करने पर, कोई टैक्स कटौती नहीं की जाती है.
  6. पॉलिसी की अवधि के दौरान किसी भी वर्ष में भुगतान किए गए प्रीमियम या मासिक भुगतान 1 अप्रैल, 2003 और 31 मार्च 2012 के बीच खरीदे गए प्लान्स के लिए बीमा राशि (सम अश्योर्ड) के 20% से अधिक नहीं हो सकते.
  7. 1 अप्रैल 2012 को या उसके बाद खरीदी गई लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसियों के लिए प्रीमियम बीमा राशि (सम अश्योर्ड) के 10% से ज़्यादा नहीं हो सकता है.
  8. पॉलिसी के जीवनकाल के दौरान, किसी भी वर्ष में लाइफ इंश्योरेंस का प्रीमियम कैश वैल्यू के 15% से ज़्यादा नहीं होना चाहिए. खरीदारी की तारीख भी 1 अप्रैल 2013 को या उसके बाद की होनी चाहिए. इसके अलावा, लाइफ इंश्योरंस किसी भी व्यक्ति के लिए होना चाहिए, जो निम्नलिखित ज़रूरतें पूरी करता हो:

    • वे व्यक्ति जो किसी रोग या बीमारी से पीड़ित हैं, जो इनकम टैक्स एक्ट, 1961 की धारा 80DDB के नियमों में सूचीबद्ध हैं.
    • वे व्यक्ति जो विकलांगता या विकासात्मक विकलांगता से ग्रस्त हैं, जैसा कि इनकम टैक्स एक्ट, 1961 की धारा 80U में बताया गया है.
       
  • ध्यान देने योग्य महत्वपूर्ण बातें

    धारा 10 (10D) के तहत टैक्स बेनिफिट लेने के नियम और शर्तें इस प्रकार हैं:

    • 1 अप्रैल 2003 से 31 मार्च 2012 के बीच खरीदी गई पॉलिसियों के लिए, किसी भी वित्तीय वर्ष में भुगतान किया गया प्रीमियम बीमा राशि (सम अश्योर्ड) के 20% से ज्यादा नहीं होना चाहिए.

    • 1 अप्रैल 2012 के बाद खरीदी गई पॉलिसियों के लिए इंश्योरेंस पॉलिसी के लिए देय प्रीमियम बीमा राशि (सम अश्योर्ड) के 10% से ज़्यादा नहीं होना चाहिए.

    • धारा 10(10डी) में लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी के डेथ बेनिफ़िट, मैच्योरिटी, बोनस और सरेंडर वैल्यू के जरिए मिलने वाले पेआउट पर छूट मिलती है.

  • लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसियों के लिए टीडीएस

    • आपके लाइफ इंश्योरेंस प्लान से किसी भी भुगतान पर 1% टीडीएस लगेगा, अगर राशि ₹1 लाख से ज़्यादा है और इंश्योरेंस पॉलिसी धारा 10 (10D) के तहत लागू नहीं है. यह प्रावधान अक्टूबर 2014 से प्रभावी है.

    • इसके अतिरिक्त, इंश्योरर बोनस भुगतान पर टीडीएस की कटौती करेगा. अगर भुगतान 1 लाख रुपये से कम है तो टीडीएस पर कोई छूट नहीं है. भुगतान पूरी तरह से टैक्स योग्य है, लेकिन आप आईटीआर फाइल करते समय सोर्स पर टैक्स कटौती के लिए क्रेडिट का क्लेम कर सकते हैं.


सिंगल प्रीमियम इंश्योरेंस पॉलिसी पर टैक्स


धारा 10(10D) सिग्नल प्रीमियम इंश्योरेंस पॉलिसी की मैच्योरिटी राशि पर छूट प्रदान नहीं करती है. लेकिन अगर बीमा राशि (सम अश्योर्ड) पॉलिसी की अवधि के लिए देय प्रीमियम का दस गुना है, तो मैच्योरिटी बेनिफ़िट की राशि पर कोई टैक्स नहीं लगता है.


धारा 10 (10D) के तहत यूलिप प्लान्स के लिए टैक्स में छूट


फाइनेंस बिल 2021 में धारा 10 (10D) टैक्स छूट में संशोधन का प्रस्ताव दिया गया है , जिसमें सुझाव दिया गया है कि यह प्रावधान 1 फरवरी, 2021 को या उसके बाद ख़रीदे गए यूलिप पर और अगर एक वित्तीय वर्ष में देय सभी प्लान्स के कुल वार्षिक प्रीमियम ₹2,50,000 से ज़्यादा पर लागू नहीं होना चाहिए. यूलिप पॉलिसी के छूट के लिए योग्य नहीं होने के बाद, यह डेथ क्लेम के समय के अलावा जैसी है वैसी ही रहेगी. देय प्रीमियम राशि में टॉप-अप प्रीमियम, राइडर्स, GST और राइडर्स पर लोडिंग (यदि कोई हो) शामिल है.

संशोधनों के अनुसार, यूलिप प्लान को कैपिटल एसेट्स के तौर पर कैटेगराइज़ किया जाएगा. सभी मैच्योरिटी, सरेंडर या आंशिक विथड्रावल से हुई कमाई पर पॉलिसीहोल्डर पर कैपिटल गेन्स के रूप में टैक्स लगाया जाएगा.

मौत की दुर्भाग्यपूर्ण घटना में, पूरे डेथ बेनफीट पर टैक्स में छूट दी जाती है. कुल प्रीमियम की सीमा चाहे जो भी हो, पॉलिसीहोल्डर की मृत्यु होने पर मिलने वाले बेनिफिट टैक्स -फ्री रहेंगे.
 

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धारा 10 (10D) के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (एफएक्यू)

धारा 10 (10D) के तहत टैक्स छूट के लिए मैच्योरिटी रिटर्न की क्या ज़रूरतें हैं?

धारा 10 (10D) के तहत टैक्स कटौती के लिए योग्य होने के लिए मैच्योरिटी रिटर्न में निम्नलिखित ज़रूरतें पूरी होनी चाहिए.

  • क्लेम का भुगतान पॉलिसीहोल्डर की मृत्यु के समय किया जाना चाहिए.
  • मुआवजा (कंपनसेशन) कीमैन इंश्योरेंस पॉलिसी के दायरे में नहीं आना चाहिए.
  • भुगतान किया गया पैसा एन्युटी या रिटायरमेंट पेआउट नहीं होना चाहिए.
  • कंपनी द्वारा प्रदान की गई ग्रुप इंश्योरेंस पॉलिसी के जरिए बेनिफिट नहीं मिलते हैं.
  • इनकम टैक्स एक्ट की धारा 80DD (3) के अनुसार जारी किए गए इंश्योरेंस के लिए बेनिफिट नहीं मिले हैं.

धारा 10 (10D) के तहत छूट की अधिकतम सीमा क्या है?

धारा 10(10डी) लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी के तहत कुल भुगतान पर टैक्स में छूट प्रदान करती है. इस टैक्स बेनिफ़िट के लिए आईटी डिपार्टमेंट द्वारा कोई ऊपरी सीमा तय नहीं की गई है.

क्या लाइफ इंश्योरेंस के मैच्योरिटी बेनिफ़िट पर टैक्स लगता है?

धारा 10 (10 डी) के अनुसार, लाइफ इंश्योरेंस के मेच्योरिटी बेनिफ़िट टैक्स फ्री होगा. लेकिन टैक्स छूट पाने के लिए दो शर्तें हैं:

  • अगर पॉलिसी 1 अप्रैल 2012 से पहले खरीदी गई थी, तो प्रीमियम राशि इंश्योरेंस कवरेज के 20% से ज़्यादा नहीं होनी चाहिए.
  • अगर 1 अप्रैल 2012 के बाद पॉलिसी ली गई थी, तो प्रीमियम राशि इंश्योरेंस कवरेज के 10% से ज्यादा नहीं होनी चाहिए.

मुझे धारा 10 (10D) छूट का क्लेम कैसे करना चाहिए?

अगर पॉलिसीहोल्डर की मृत्यु के बाद आपको या आपके परिवार के सदस्य को लाइफ इंश्योरेंस कवरेज मिलता है, तो यह इनकम की तरह लग सकता है. लेकिन आपको इस राशि पर टैक्स नहीं देना होगा क्योंकि आप धारा 10 (10D) के तहत छूट का क्लेम कर सकते हैं. छूट का क्लेम करने के लिए, पॉलिसी से जुड़े दस्तावेज़, डेथ सर्टिफिकेट और दूसरे ज़रूरी दस्तावेज़ दें.

धारा 80C और धारा 10 (10D) में क्या अंतर है?

धारा 80C में एक वित्तीय वर्ष में चुकाए गए लाइफ इंश्योरेंस प्रीमियम पर अधिकतम ₹1.5 लाख की कटौती की सुविधा मिलती है. धारा 10 (10D) इंश्योरेंस क्लेम पर टैक्स में कटौती प्रदान करती है, जिसमें मैच्योरिटी और डेथ बेनिफिट, साथ ही अन्य सभी अर्जित बोनस शामिल हैं.

क्या टर्म इंश्योरेंस प्लान्स धारा 10 (10D) के तहत टैक्स छूट के फायदों के लिए कवर किए जाते हैं?

धारा 10(10D) टैक्स छूट में सम अश्योर्ड और टर्म लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी के जरिए अर्जित प्रीमियम शामिल हैं.

अस्वीकरण

  • टाटा एआईए सम्पूर्ण रक्षा सुप्रीम का पूरा नाम टाटा एआईए लाइफ इंश्योरेंस सम्पूर्ण रक्षा सुप्रीम (UIN:110N160V03) है - नॉन-लिंक्ड नॉन-पार्टिसिपेटिंग इंडिविजुअल लाइफ इंश्योरेंस प्लान
  • #मौजूदा इनकम टैक्स कानूनों के अनुसार, इनकम टैक्स बेनिफिट मिलेंगे, बशर्ते कि उसमें निर्धारित शर्तें पूरी की जाएं. इनकम टैक्स कानून बदलाव के अधीन हैं. टाटा एआईए लाइफ इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड इस साइट पर कहीं भी बताए गए टैक्स संबंधी प्रभावों के लिए ज़िम्मेदारी नहीं लेती है. आपके लिए उपलब्ध टैक्स बेनिफिट के बारे में जानने के लिए कृपया अपने टैक्स सलाहकार से सलाह लें.
  • ~लाइफ प्लस ऑप्शन के तहत, भुगतान किए गए कुल प्रीमियम (मॉडल प्रीमियम में लोड किए जाने को छोड़कर) के 105% के बराबर राशि पॉलिसी अवधि के आखिर में देय होगी, बशर्ते कि इंश्योर्ड व्यक्ति मैच्योरिटी होने तक जीवित रहे और पॉलिसी पहले समाप्त नहीं की गई हो.
  • ++धारा 80C के तहत ₹46,800 तक के टैक्स बेनिफिट की कैलकुलेशन ₹1,50,000 के लाइफ इंश्योरेंस प्रीमियम पर 31.20% (सरचार्ज को छोड़कर उपकर सहित) की उच्चतम टैक्स स्लैब दर पर की जाती है. पॉलिसी के तहत टैक्स बेनिफिट धारा 80C, 80D,10 (10D), 115BAC और इनकम टैक्स अधिनियम, 1961 के अन्य लागू प्रावधानों के तहत रखी गई शर्तों के अधीन हैं. अगर कोई गुड्स और सर्विस टैक्स और सेस है तो वर्तमान दरों के अनुसार अतिरिक्त शुल्क लिया जाएगा. टैक्स-फ्री इनकम धारा 10 (10D) और इनकम टैक्स एक्ट, 1961 के अन्य लागू प्रावधानों के तहत बताई गई शर्तों के अधीन है. टैक्स कानून समय-समय पर किए गए संशोधनों के अधीन हैं. उपरोक्त पर कार्रवाई करने से पहले, पूरी जानकारी के लिए कृपया अपने टैक्स सलाहकार से सलाह लें.
  • **विशिष्ट प्लान विकल्पों के लिए लागू. कृपया अतिरिक्त जानकरी के लिए ब्रोशर देखें.
  • ##विशिष्ट प्लान विकल्पों के लिए लागू. कृपया अतिरिक्त जानकरी के लिए ब्रोशर देखें.
  • ~~केवल 3 वर्ष से अधिक की पॉलिसी अवधि वाले गैर-शुरुआती क्लेम, गैर-जांच मामलों, 50 लाख रुपये तक की बीमा राशि (सम अश्योर्ड) तक लागू है. केवल ब्रांच में जाकर ही लागू हैं. टाटा एआईए लाइफ इंश्योरेंस में क्लेम सबमिट करने की समय सीमा काम करने के दिनों में दोपहर 2 बजे है. पूरे डॉक्यूमेंट सबमिट किए जाने के अधीन. ULIP पॉलिसी और ओपन टाइटल क्लेम के लिए लागू नहीं है.
  • इस प्रोडक्ट को टाटा एआईए लाइफ इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड द्वारा अंडरराइट किया गया है.  
  • यह प्लान गारंटीड जारी किया गया प्लान नहीं है और यह कंपनी की अंडरराइटिंग और स्वीकृति के अधीन होगा.
  • इस प्रॉडक्ट के तहत इंश्योरेंस कवर उपलब्ध है.
  • जोखिम वाले कारकों, नियमों और शर्तों के बारे में ज़्यादा जानकारी के लिए कृपया खरीदने से पहले सेल्स ब्रोशर को ध्यान से पढ़ें. इस प्लान के सटीक नियम और शर्तें पॉलिसी कॉन्ट्रैक्ट में बताई गई हैं.
  • लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदना लंबी अवधि की प्रतिबद्धता है. पॉलिसी को जल्दी खत्म करने पर आमतौर पर कम राशि मिलती है और देय सरेंडर वैल्यू भुगतान किए गए सभी प्रीमियमों से कम हो सकती है.
  • गैर-मानक जीवन के मामले में और गैर-मानक आयु प्रमाण जमा करने पर, हमारे अंडरराइटिंग दिशानिर्देशों के अनुसार अतिरिक्त प्रीमियम लिया जाएगा.
  • यह पब्लिकेशन केवल सामान्य परिसंचरण के लिए है. यह दस्तावेज़ केवल जानकारी और उदाहरण के लिए है और यह किसी वित्तीय या निवेश सेवाओं के लिए अभिप्राय नहीं रखता है और किसी ऑफ़र या सुझाव का हिस्सा नहीं है. यह दस्तावेज़ निवेश सलाह या किसी खास सुरक्षा या कार्रवाई के संबंध में सिफारिश के तौर पर नहीं है और न ही इस पर विचार किया जाना चाहिए.
  • कृपया अपने इंश्योरेंस एजेंट या इंटरमीडियरी या इंश्योरेंस कंपनी द्वारा जारी पॉलिसी दस्तावेज़ से संबंधित जोखिमों और लागू शुल्कों के बारे में जानकारी लें और इस दस्तावेज़ को निवेश सलाह या किसी खास सुरक्षा या कार्रवाई के संबंध में सिफारिश के तौर पर नहीं है और न ही माना जाना चाहिए.
  • L&C/Advt/2023/May/1546
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