पेंशन प्लान की तुलना के लिए एक संपूर्ण गाइड
8-जून-2021 |
भारतीय जनसंख्या की जीवन प्रत्याशा बढ़ रही है, वैसे ही जीवन स्तर और उससे जुड़े ख़र्चे भी बढ़ रहे हैं. इसका मतलब है कि रिटायरमेंट के बाद एक स्थिर इनकम स्ट्रीम सुनिश्चित करना बहुत ज़रूरी है. पेंशन प्लान्स मंथली इनकम प्लान के साथ रिटायरमेंट के बाद वित्तीय स्थिरता और सुरक्षा प्रदान करते हैं. आजकल, गारंटीड़# इंश्योरेंस पॉलिसियों के साथ पेंशन प्लान हैं, जो विभिन्न श्रेणियों के लोगों की वित्तीय ज़रूरतों को पूरा करते हैं.
पेंशन प्लान सरकार के साथ-साथ इंश्योरर और बैंक द्वारा उपलब्ध कराए जाते हैं. आमतौर पर उन्हें लोन लेने की पात्रता और सुरक्षा जैसे कई अतिरिक्त फायदे मिलते हैं. आप अपने वित्तीय लक्ष्यों के हिसाब से किसी एक को चुन सकते हैं.
आपको पेंशन प्लान्स की ज़रूरत क्यों है?
ऐसे देश में जहाँ सामाजिक सुरक्षा व्यवस्था मौजूद नहीं है, लोगों को अपना रिटायरमेंट मैनेज करने के लिए सेविंग करने और निवेश करने की ज़रूरत होती है. पेंशन प्लान्स से आप अपनी इनकम के एक हिस्से को रिटायरमेंट फंड में रीडायरेक्ट कर सकते हैं, जिसका फायदा आप बाद में उठा सकते हैं.
जैसे-जैसे हमारी उम्र बढ़ती है, हमें भविष्य में रहने के खर्चों के लिए पैसे बचाने की ज़रूरत होती है, ख़ासकर यह देखते हुए कि समय के साथ महंगाई से खर्च बढ़ता है. एक उम्र में हमेशा मेडिकल एमरज़ेंसी और खर्चों का सामना करने की संभावना रहती है. तीसरा, हमें पारिवारिक ज़िम्मेदारियों को पूरा करने के लिए या बाद के सालों में ज़रूरी ख़रीदारियों के लिए पैसों की ज़रूरत हो सकती है.
पेंशन प्लान निवेश पर अच्छे रिटर्न देते हैं, और कुछ गारंटीड# इंश्योरेंस पॉलिसी भी देते हैं.
पेंशन प्लान्स के प्रकार
मोटे तौर पर भारत में पेंशन प्लान्स इन 3 केटेगरी में से एक के अंतर्गत आते हैं:
नेशनल पेंशन स्कीम
पेंशन फंड
यूनिट-लिंक्ड पेंशन प्लान्स
पेंशन प्लान्स एन्युटी का एक रूप है, जिसमें सब्सक्राइबर को भविष्य में, यानी रिटायरमेंट के बाद पेआउट मिलेगा. पेआउट के प्रकार के आधार पर, पेंशन फंड को इस प्रकार वर्गीकृत किया जा सकता है:
1. डेफ़र्ड एन्युटी: यहाँ, प्रीमियम का भुगतान किए जाने के समय से कुछ समय बीत जाने के बाद पेआउट शुरू हो जाता है. इससे आप एक महत्वपूर्ण राशि जमा कर सकते हैं और टैक्स बेनिफिट्स भी ले सकते हैं.
2. इमीडिएट एन्युटी: इमीडिएट एन्युटी प्लान में, लम्पसम राशि डिपॉजिट करने पर तुरंत पेआउट शुरू हो जाता है.
उपलब्ध अलग-अलग प्लान्स की तुलना करना और वे आपको किस तरह की एन्युटी देते हैं, यह वेरीफाई करना आवश्यक है ताकि आप भारत में सबसे अच्छी गारंटीड# रिटर्न प्लान चुन सके.
नेशनल पेंशन स्कीम
इसे संक्षेप में एनपीएस के नाम से भी जाना जाता है, यह सरकार द्वारा प्रशासित पेंशन प्रणाली है, जिसका मकसद हर किसी को, ख़ासकर कम वित्तीय जानकारी वाले लोगों को, भविष्य के लिए पैसे बचाने के लिए प्रोत्साहित करना है.
एनपीएस के लिए पात्रता: एनपीएस में 18 से 60 साल की उम्र का कोई भी भारतीय नागरिक अप्लाई कर सकता है. आवेदन एनपीएस वेबसाइट या अलग-अलग बैंकों के जरिए ऑनलाइन या ऑफलाइन किया जा सकता है.
यह कैसे काम करता है: एनपीएस के प्लान के दो स्तर हैं, पहला अनिवार्य है और दूसरा स्वैच्छिक रूप से जोड़ना है. स्कीम के आखिर में, 60% पैसे निकाले जा सकते हैं, और बाकी 40% का इस्तेमाल लाइफ इंश्योरर से एन्युटी खरीदने के लिए करना पड़ता है, और यह एक मंथली इनकम प्लान बन जाता है.
फंड पार्क करने के लिए कुछ अलग निवेश स्कीम हैं:
स्कीम ई: निवेशक का पैसा इंडेक्स-आधारित स्टॉक्स में निवेश किया जाता है. इन स्टॉक्स पर मार्केट रिस्क होता है लेकिन इससे ज़्यादा रिटर्न मिलता है.
स्कीम सी: यह पैसा राज्य सरकार और पीएसयू बॉन्ड और निजी फर्म सिक्योरिटीज़ में निवेश किया जाता है. स्कीम जी की तुलना में जोखिम कम है.
स्कीम जी : पैसा मुख्य रूप से जी -सिक्योरिटीज़ में निवेश किया जाएगा, और इसलिए अस्थिरता लगभग शून्य है.
सब्सक्राइबर की उम्र के आधार पर, इक्विटी-डेब्ट मिक्स 50-50 से 35 से 10-90 तक 55 की उम्र में हो जाता है. हालाँकि, सब्सक्राइबर अपनी जोखिम उठाने की क्षमता के हिसाब से इस रेश्यो को बदल सकते हैं.
सब्सक्राइबर्स को क्या फायदा होता है: सबसे पहले, फंड को रिटायरमेंट तक लॉक कर दिया जाता है, हालाँकि 60 से पहले 25% फंड निकला जा सकता है. इससे वित्तीय अनुशासन सुनिश्चित होता है. 60 साल की उम्र में, 40% फंड एन्युटी में बदल जाता है, जिसे सब्सक्राइबर प्लान कर सकता है और चुन सकता है.
टियर 2 अकाउंट का इस्तेमाल बिना किसी एग्जिट प्रतिबंध के एनपीएस में इन्वेस्ट करने के लिए किया जा सकता है और यह ज़्यादा रिटर्न कमाने का एक तरीका प्रदान करता है.
एनपीएस धारा 80C के तहत टैक्स* कटौती के लिए पात्र है. इसलिए, यह इनकम टैक्स देनदारी को कम करने में मदद करता है. समय के साथ, मेच्योरिटी राशि प्रीमियम से काफी ज़्यादा हो जाती है.
पेंशन प्लान्स
यहाँ उपलब्ध विकल्प एन्युटी प्लान और लाइफ इंश्योरेंस मंथली इनकम प्लान्स हैं, जहाँ एन्युटी इमीडियेट या डैफर्ड हो सकती है.
पात्रता: पात्रता का निर्धारण पेंशन प्रोवाइडर करता है. न्यूनतम आयु 18 से कम हो सकती है और अधिकतम आयु 55 या 60 हो सकती है.
यह कैसे काम करता है: पेंशन फंड को सब्सक्राइबर की इच्छानुसार सिक्योरिटीज़ के मिश्रण में निवेश किया जाता है. आमतौर पर, रूढ़िवादी निवेशक डेब्ट में सुरक्षित सिक्योरिटीज़ चुनते हैं, जबकि जो ज़्यादा रिटर्न चाहते हैं वे ज़्यादा इक्विटी चुनते हैं. गारंटीड# रिटर्न वाले लाइफ इंश्योरेंस प्लान्स को स्टॉक्स जैसे उच्च जोखिम वाले इक्विटी इंस्ट्रूमेंट्स से लिंक किया जा सकता है.
सब्सक्राइबर्स को क्या-क्या फायदा होता है: अगर लिंक की गई सिक्योरिटीज़ अच्छा करती है और ज़्यादा रिटर्न कमाती है, तो कुछ सब्सक्राइबर ज़्यादा मेच्योरिटी राशि पा सकते हैं. इनमें से कई प्लान टैक्स बचाने के साथ-साथ डिफर्ड और फिक्स्ड एन्युटी भी उपलब्ध कराते हैं, जो फिक्स्ड इनकम चाहने वालों के लिए एक वरदान है.
इन प्लान्स में लाइफ इंश्योरेंस भी मिलता है और अगर सब्सक्राइबर का निधन हो जाता है, तो बेनिफिशियरी को भुगतान किया जाता है.
यूनिट-लिंक्ड पेंशन प्लान्स
वे मंथली इक्नोमे के लिए एन्युटी के साथ आम पेंशन प्लान से काफी मिलते-जुलते हैं. अंतर यह है कि प्रीमियम जोखिम वाली सिक्योरिटीज़ में निवेश किए जाते हैं, जिससे इक्विटी स्टॉक, कॉर्पोरेट बॉन्ड, आरईआईटी आदि जैसे ज़्यादा रिटर्न मिल सकते हैं.
पात्रता: न्यूनतम आयु 18 से कम हो सकती है और अधिकतम आयु 55 या 60 हो सकती है.
सब्सक्राइबर्स को क्या-क्या फायदा होता है: ये प्लान्स जोखिम भरे हो सकते हैं और पूरे प्रीमियम को इक्विटी में निवेश कर सकते हैं. अगर मार्केट अच्छा परफॉर्म करता है, तो इन प्लान को लें और सब्सक्राइबर को ज़्यादा रिटर्न मिलता है. लेकिन वे वोलेटाइल हो सकते हैं और हो सकता है की कोई बेनिफिट ना हो. वे इंश्योरेंस करवाते हैं. इसलिए, डेथ बेनिफिट्स मिलेंगे.
यूनिट से जुड़े ये पेंशन प्लान धारा 80C के तहत 1,50,000 तक के टैक्स में कटौती के लिए पात्र हैं, लेकिन अन्य निवेशों के साथ मिलाकर.
निष्कर्ष
यह सुनिश्चित करने के लिए पेंशन प्लान में निवेश करना ज़रूरी है कि आप अपने रिटायरमेंट को गरिमा के साथ जी सकें, अपने जीवन स्तर को बनाए रख सकें, जिसके आप आदी हैं. एक पेंशन प्लान को सही प्लान के तौर पर रेकमेंड करना मुश्किल है. भविष्य के लिए आपके विज़न के साथ मैच करने वाले प्लान की पहचान करने के लिए आपको पेंशन प्लान की तुलना करनी चाहिए.
आप अच्छे रिटर्न वाले गैर-जोखिम वाले रिटायरमेंट प्लान के लिए टाटा एआईए लाइफ इंश्योरेंस गारंटीड मंथली इनकम प्लान (110N147V02) पर विचार कर सकते हैं. वित्तीय वर्ष 2019-20 के लिए टाटा एआईए का क्लेम सेटलमेंट रेश्यो 99.06% है. यह प्लान टैक्स* बचाने में मदद करता है, और कोई भी अपने परिवार की ज़रूरतों के लिए लाइफ़ कवर बढ़ाने के लिए राइडर्स1 का विकल्प चुन सकता है.
L&C/Advt/2023/Jul/2285