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लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी के दस्तावेज खो गए हैं? इसे खोजने के 10 आसान तरीके यहां दिए गए हैं

30/09/2022 |

लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी का खोना न केवल एक बहुत बड़ी परेशानी है, बल्कि इसका मतलब यह भी हो सकता है कि दस्तावेज़ पर दी गई व्यक्तिगत जानकारी का कोई व्यक्ति गलत इस्तेमाल भी कर सकता है. भले ही आज के समय में हमारी लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसियां ऑनलाइन हों, लेकिन अलग-अलग उद्देश्यों के लिए दस्तावेज़ की एक फिजकल कॉपी ज़रूरी है. हालाँकि, इसका मतलब है कि अगर आप पर्याप्त सावधानी नहीं बरतते हैं, तो आपके पॉलिसी दस्तावेज़ खो सकते हैं या इधर-उधर हो सकते हैं.
 

कोई यह मान सकता है कि लॉस्ट इंश्योरंस पॉलिसियों को रिकवर करना मुश्किल हो सकता है. लेकिन ऐसा नहीं है; अगर आप धैर्य रखें और लगातार बने रहते हैं, तो आप अपने लाइफ इंश्योरेंस से जुड़ी जानकारी ट्रैक करने के 10 आसान तरीकों से आसानी से अपनी खोई हुई लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी ढूंढ सकते हैं.
 

भारत में लॉस्ट लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी खोजने के 10 आसान तरीके
 

लॉस्ट लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी न केवल आपकी निजता से समझौता करती है, बल्कि इसका मतलब यह भी है कि आपकी मृत्यु होने की स्थिति में, आपके परिवार को पॉलिसी से डेथ बेनिफिट नहीं मिल पाएंगे. दस्तावेज़ या जानकारी के बिना, हो सकता है कि आपके परिवार या नॉमिनी को पता न चले कि उन्हें कितनी बीमा राशि (सम अश्योर्ड) मिलेगी या वे क्लेम के साथ कैसे आगे बढ़ सकते हैं. यही वजह है कि दस्तावेज़ हमेशा सुरक्षित रहे, यह सुनिश्च्ति करना ज़रूरी है:
 


  • अपने सभी दस्तावेज़ खोजें

    ज़्यादातर लोग सभी महत्वपूर्ण ऑफिशियल बिलों, दस्तावेज़ों और सर्टिफ़िकेट को एक साथ सुरक्षित जगह पर रखते हैं. अगर आप ऐसा ही करते हैं, लेकिन अपने पेपर्स के लिए अलग-अलग फ़ोल्डर निर्दिष्ट नहीं करते हैं, तो हो सकता है कि आपकी लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी कई पुराने सर्टिफिकेट और दस्तावेज़ों के नीचे दबी हो, जिन पर आपने लंबे समय से ध्यान नहीं दिया होगा. अगर आपके परिवार को लाइफ़ इंश्योरेंस प्रोवाइडर का कम से कम नाम पता है, तो वे लाइफ़ कवर पॉलिसी के बारे में जानकारी मांगने के लिए इंश्योरर से संपर्क कर सकते हैं.

  • लाइफ़ कवर पॉलिसी के लिए बैंक स्टेटमेंट खोजें

    लाइफ़ इंश्योरेंस पॉलिसी के लिए भुगतान किए गए प्रीमियम का रिकॉर्ड आपके बैंक स्टेटमेंट में मौजूद हो सकता है. दिवंगत पॉलिसीहोल्डर के बैंक से संपर्क करें और बैंक स्टेटमेंट के लिए अनुरोध करें, या आप स्टेटमेंट लेने के लिए बैंक ब्रांच में जा सकते हैं. हालाँकि, बैंक स्टेटमेंट ऑनलाइन एक्सेस करने के लिए, यह सुनिश्चित कर लें कि आपके पास इंश्योर्ड व्यक्ती के सही लॉगिन क्रेडेंशियल्स का ऐक्सेस हो. आपको ईमेल में पॉलिसी दस्तावेज़ की सॉफ्ट कॉपी भी मिल सकती है, जब तक कि तकनीकी गड़बड़ी की वजह से ईमेल खो जाए या डिलीट न हो जाए.

  • अपने वित्तीय सलाहकार या वकील से संपर्क करें

    लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी खो जाने की स्थिति में दिवंगत पॉलिसीहोल्डर के वकील या वित्तीय सलाहकार से संपर्क करने से आपको इस बारे में सही सलाह मिल सकती है कि क्या किया जा सकता है. चूंकि ऐसे लोग इस तरह की समस्याओं को संभालने के आदी होते हैं, इसलिए वे आपका बेहतर मार्गदर्शन कर पाएंगे. अगर पॉलिसी किसी इंश्योरेंस एजेंट के ज़रिए खरीदी गई थी, तो आप पॉलिसी के बारे में जानकारी के लिए उनसे संपर्क कर सकते हो. टाटा एआईए लाइफ इंश्योरेंस प्लान्स के मामले में, हमारी सलाह है कि बेहतर और सुरक्षित सहायता के लिए आप हमारी ग्राहक सेवा टीम से सीधे संपर्क करें.

  • लाइफ इंश्योरेंस एप्लीकेशन देखें

    हो सकता है कि पॉलिसीहोल्डर ने सभी महत्वपूर्ण दस्तावेज़ों का एक फोल्डर अपने पास रख लिया हो, हो सकता है कि आपको लाइफ इंश्योरेंस एप्लीकेशन के फोल्डर में देखना पड़े, जो लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदने से पहले भरा जाता है. ऐसी स्थिति में, लाइफ इंश्योरेंस ऐप्लिकेशन से कम से कम कुछ अहम जानकारी मिल सकती है, जिससे आप पॉलिसी से होने वाले बेनिफिट्स के लिए क्लेम फाइल कर सकेंगे.

  • पिछले एम्प्लॉयर से संपर्क करें

    दिवंगत पॉलिसीहोल्डर के पिछले एम्प्लॉयर द्वारा लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी प्रदान की गई है या नहीं, पहले की कंपनियों से यह पता लगाना हमेशा बुद्धिमानी भरा होता है कि क्या उनके पास लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी का कोई रिकॉर्ड है या नहीं.

    आमतौर पर, रोज़गार के दौरान, किसी व्यक्ति को अपने वर्कप्लेस पर कोई दुर्भाग्यपूर्ण घटना होने पर अपने एम्प्लॉयर को अपने लाइफ इंश्योरेंस प्लान की कुछ मूलभूत जानकारी देनी पड़ सकती है. अगर पॉलिसी एक ग्रुप लाइफ इंश्योरेंस प्लान है जिसके तहत दिवंगत एम्प्लॉई को कवर किया गया था, तो उनकी मौजूदा कंपनी आपको इसके बारे में जानकारी दे सकती है.

  • इनकम टैक्स* रिटर्न स्टेटमेंट खोजें

    अगर कोई लाइफ़ इंश्योरेंस पॉलिसी है, तो कोई प्रीमियम पर टैक्स* बेनिफिट्स का क्लेम कर सकता है और मौजूदा टैक्स* कानूनों के मुताबिक पॉलिसी से मिलने वाली कमाई का क्लेम किया जा सकता है.

    हालाँकि, इसे निवेश के रूप में घोषित करना होगा और टैक्स* बेनिफिट्स के लिए टैक्स* रिटर्न फाइल करना होगा. पिछले साल के इनकम टैक्स* रिटर्न स्टेटमेंट को देखकर, आप पॉलिसीहोल्डर के लाइफ इंश्योरेंस से जुड़ी जानकारी पा सकते हैं और फिर इंश्योरेंस कंपनी के पास क्लेम दर्ज कर सकते हैं.

  • ऑफिशियल स्टेट अथॉरिटी से संपर्क करें

    हर राज्य में एक इंश्योरेंस डिपाटमेंट होता है जो सभी लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसियों नियमन और रिकॉर्ड रखता है. इस डिपार्टमेंट के अधिकारियों को एक औपचारिक पत्र लिखकर, आप पॉलिसी के बारे में जानकारी माँग सकते हैं. अगर आपको लगता है कि आप अभी भी अपनी ओर से कोई प्रयास करना चाहते हैं, तो आप इस महत्वपूर्ण दस्तावेज़ को खोजने के लिए किसी पेशेवर खोज एजेंसी को हायर कर सकते हैं.

  • सरकारी डेटाबेस में देखने की कोशिश करें

    अगर भारत की किसी भी मान्यता प्राप्त लाइफ इंश्योरेंस कंपनी से लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदी गई है, तो ऑनलाइन सरकारी डेटाबेस में खोई हुई लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी का रिकॉर्ड होगा. आप डेटाबेस की ऑफिशियल वेबसाइट पर आसानी से ऑनलाइन सर्च कर सकते हैं और खोई हुई पॉलिसी ढूंढ सकते हैं. ज़्यादातर मामलों में, आपको पॉलिसी के बारे में जानकारी यहाँ मिल जाएगी.

  • स्टेट डिपार्टमेंट को लिखें

    हमारे देश के हर राज्य में एक ऐसा विभाग होता है जहाँ किसी भी क्लेम न की गई संपत्ति की पूरी जानकारी उपलब्ध होती है. चूंकि लाइफ़ इंश्योरेंस के फ़ायदे, क्लेम फाइल होने के बाद पॉलिसीहोल्डर के परिवार या नॉमिनी के लिए होते हैं, इसलिए तब तक, इंश्योरेंस पॉलिसी को अनक्लेम संपत्ति माना जाता है.

    आप राज्य के क्लेम न किए गए प्रॉपर्टी डिपार्मेंट के ऑफिस में लिख सकते हैं और लॉस्ट लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी के बारे में जानकारी ले सकते हैं.

  • इंश्योरेंस प्रोवाइडर से संपर्क करने दें

    लाइफ इंश्योरेंस प्रदाता आमतौर पर अपने पॉलिसीहोल्डर्स की जानकारी और महत्वपूर्ण घटनाओं के बारे में अप-टू-डेट रहते हैं. असल में,इंश्योरर कॉल और ईमेल के जरिए पॉलिसी से जुड़े महत्वपूर्ण संदेश कम्युनिकेट करती रहती हैं. इसलिए, पॉलिसीहोल्डर की मृत्यु होने पर, इंश्योरर लाइफ बीमा पॉलिसी के तहत कवर किए गए परिवार से संपर्क करेगा. ज़्यादातर इंश्योरेंस प्रोवाइडर नॉमिनी से लगभग तुरंत संपर्क करते हैं.
     
निष्कर्ष
 

अगर आपको चिंता है कि आपके लाइफ इंश्योरेंस दस्तावेज़ खो सकते हैं और आपकी मृत्यु होने पर, आपके परिवार के सदस्य इसे एक्सेस नहीं कर पाएंगे, तो आप अपनी लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी को डिजीलॉकर के नाम से क्लाउड स्टोरेज सुविधा में सुरक्षित कर सकते हैं. भारत सरकार की इस पहल से यह सुनिश्चित होता है कि सभी भारतीय नागरिक अपने महत्वपूर्ण दस्तावेज़ों को सुरक्षित रूप से रख सकें.

L&C/Advt/2023/Jul/2328

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यह टाटा संस प्रा. लिमिटेड और एआईए ग्रुप लिमिटेड (एआईए) एक संयुक्त उद्यम है, टाटा एआईए लाइफ इंश्योरेंस भारत में अग्रणी जीवन बीमा प्रदाताओं में से एक है. हम लाइफ इंश्योरेंस, टैक्स सेविंग और दूसरे विभिन्न विषय जैसे सेविंग और निवेश के बारे में भी यहाँ पोस्ट करते हैं जिसके बारे में आपको जानकारी होनी चाहिए। आप टाटा एआईए लाइफ इंश्योरेंस नॉलेज सेंटर में विभिन्न ब्लॉग, लेख और पेज देख और पढ़ सकते हैं या किसी भी पूछताछ या सवाल के बारे में हमसे संपर्क कर सकते हैं!

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अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

लाइफ इंश्योरेंस दस्तावेज़ में कौन सी व्यक्तिगत जानकारी शामिल होती है?

पॉलिसीहोल्डर के नाम, उम्र और संपर्क विवरण के अलावा, लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी के दस्तावेज़ में बीमा राशि और पॉलिसी से जुड़ी अन्य जानकारी, इंश्योरेंस प्लान का प्रकार और सबसे महत्वपूर्ण बात, पॉलिसी नंबर के बारे में जानकारी होती है. गलत हाथों में, यह जानकारी दिवंगत पॉलिसीहोल्डर के परिवार की गोपनीयता और वित्तीय सुरक्षा को ख़राब कर सकती है.

अगर पॉलिसी दस्तावेज़ खो जाता है, तो मेरे नॉमिनी को कब तक क्लेम फाइल करना चाहिए?

यह सलाह दी जाती है कि पॉलिसी की जानकारी मिल जाए और इंश्योरेंस कंपनी के पास जल्द ही क्लेम दर्ज किया जाए, ताकि खोई हुई पॉलिसी किसी ऐसे व्यक्ति को न मिले, जो जानकारी का गलत इस्तेमाल कर सके या फ़ायदे पाने की कोशिश कर सके. हालाँकि, इसकी संभावना नहीं है क्योंकि आपके लाइफ इंश्योरेंस प्रोवाइडर नॉमिनी की जानकारी को अच्छी तरह वेरीफाई करेंगे.

अस्वीकरण

  • प्रोडक्ट के तहत इंश्योरेंस कवर उपलब्ध है.
  • प्रॉडक्ट्स को टाटा एआईए लाइफ इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड ने अंडरराइट किया है.
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  • यह ब्लॉग केवल जानकारी और उदाहरण के उद्देश्यों के लिए है और किसी भी वित्तीय या निवेश सेवाओं का उद्देश्य नहीं है और किसी भी प्रस्ताव या सिफारिश का हिस्सा नहीं है. यह जानकारी निवेश सलाह या किसी ख़ास सुरक्षा या कार्रवाई के संबंध में सुझाव के तौर पर नहीं है और इसे किसी ख़ास सुरक्षा या कार्रवाई के बारे में सुझाव के तौर पर नहीं माना जाना चाहिए.
  • कृपया अपने इंश्योरेंस एजेंट या इंटरमीडियरी या इंश्योरेंस कंपनी द्वारा जारी पॉलिसी दस्तावेज़ से संबंधित जोखिमों और लागू शुल्कों के बारे में जानकारी लें.
  • यह सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास किया जाता है कि प्रकाशन की तारीख तक इस ब्लॉग में दी गई सभी जानकारी सही हो, हालाँकि, इस सामग्री से संबंधित किसी भी तरह के नुकसान (गलतियों और चूक सहित लेकिन इन्हीं तक सीमित नहीं) के लिए टाटा एआईए लाइफ की कोई ज़िम्मेदारी नहीं होगी.
  • *मौजूदा इनकम टैक्स कानूनों के अनुसार, इनकम टैक्स बेनिफिट मिलेंगे, बशर्ते कि उसमें निर्धारित शर्तो को पूरा किया जाए. इनकम टैक्स कानून बदलाव के अधीन हैं. टाटा एआईए लाइफ इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड इस दस्तावेज़ में कहीं भी बताए गए टैक्स संबंधी प्रभावों के लिए ज़िम्मेदारी नहीं लेता है. आपके लिए उपलब्ध टैक्स बेनिफिट जानने के लिए कृपया अपने टैक्स सलाहकार से सलाह लें.