29-06-2022 |
महिलाओं के लिए आर्थिक स्वतंत्रता, ख़ासकर उनके पति की आकस्मिक मृत्यु के बाद, उनके अच्छे शारीरिक, भावनात्मक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए ज़रूरी है. इसलिए, भारत सरकार ने गंभीर आर्थिक संकट में जी रही विधवा महिलाओं को पेंशन देकर उनके जीवन को सशक्त बनाने का फ़ैसला किया. इसलिए, केंद्र सरकार ने सभी राज्यों में उनके फ़ायदे के लिए विधवा पेंशन योजना या विडो पेंशन स्कीम शुरू की. यहां विधवा पेंशन योजना के बारे में विस्तार से बताया गया है.
विधावा पेंशन योजना क्या है?
विधवा पेंशन योजना एक विडो पेंशन स्कीम है, जिसे केंद्र सरकार द्वारा शुरू किया गया है जिसमे पति की मृत्यु के बाद परिवार के अन्य सदस्यों पर निर्भर रहने वाली विधवाओं को अपनी आजीविका का प्रबंधन करने के लिए एक निश्चित, रेगुलर मंथली इनकम के रूप में वित्तीय सहायता प्रदान करना है.
राज्य सरकारों द्वारा दी जाने वाली वित्तीय सहायता और आवेदन की प्रक्रिया सभी राज्यों के बीच अलग-अलग होती है. मंथली पेंशन से गरीब विधवाओं को जीविका कमाने, अपने ऊपर भरोसा रखने और अपनी आर्थिक स्थिति में सुधार करने में मदद मिलेगी. हालांकि विधवा महिला की मृत्यु के बाद उसके बच्चे या परिवार का कोई अन्य सदस्य उसकी पेंशन का लाभ पाने हकदार नहीं होगा.
विधावा पेंशन योजना के लिए पात्रता मानदंड
यहां विधवा पेंशन योजना के लिए पात्रता मानदंड के बारे में जानकारी दी गई है.
- विधावा पेंशन योजना के तहत पेंशन का लाभ केवल गरीबी रेखा से नीचे की विधवाओं को ही मिलता है.
- विधवा की आयु 18 से 60 वर्ष के बीच होनी चाहिए.
- अगर पति की मृत्यु के बाद विधवा किसी दूसरे व्यक्ति से शादी करने का फ़ैसला करती है, तो उसे इस योजना के तहत मिलने वाले फ़ायदे नहीं मिलेंगे.
- अगर विधवा के बच्चे बालिग हैं और माँ की देखभाल के लिए ज़रूरी ख़र्चों का प्रबंधन कर सकते हैं, तो वह मंथली पेंशन की हक़दार नहीं होगी.
विधवा पेंशन योजना के फ़ायदे
विधवा पेंशन योजना से महिलाओं को निम्नलिखित तरीकों से फायदा होगा:
- सरकार एक निश्चित, रेगुलर मंथली इनकम प्रदान करती है.
- सभी राज्यों में सरकार द्वारा दी जाने वाली न्यूनतम पेंशन 300 रुपये है और यह 300 रुपये से 2000 रुपये के बीच हो सकती है.
- 80 वर्ष की आयु पूरी करने के बाद विधवा को 500 रूपये की वृद्धावस्था पेंशन मिलेगी.
- राज्य सरकार पेंशन की राशि विधवा के बैंक अकाउंट में जमा करेगी.
विधवा पेंशन योजना के आवेदन की प्रक्रिया
विधवा पेंशन योजना के लिए आवेदन करने की प्रक्रिया सरल है, लेकिन यह एक राज्य से दूसरे राज्य में अलग-अलग होती है. योजना के लिए आवेदन करने के दो तरीके हैं, ऑनलाइन और ऑफलाइन.
- ऑफलाइन आवेदन के लिए, विधवा सीधे जनपद पंचायत कार्यालय या नगर निगम कार्यालय में जा सकती है और विधवा पेंशन योजना के लिए आवेदन फ़ॉर्म मुफ़्त में ले सकती है.
- विधवा पेंशन ऑनलाइन आवेदन फॉर्म के लिए, महिलाओं को
- राज्य की आधिकारिक वेबसाइट पर लॉग इन करना होगा.
- आवेदन फ़ॉर्म भरने या डाउनलोड करने के लिए सही विकल्प की तलाश करें. विकल्प और प्रक्रियाएं अलग-अलग राज्यों के बीच अलग-अलग होंगी.
- फ़ॉर्म डाउनलोड करें और जानकारी भरें या ऑनलाइन जानकारी भरें और इसे वर्ड फ़ाइल फ़ॉर्मेट में डाउनलोड करें या तुरंत प्रिंट करें.
- आवेदक को ठीक से भरा हुआ फ़ॉर्म जनपद पंचायत कार्यालय या नगर निगम में जमा करना होगा. यदि राज्य आवेदन ऑनलाइन अपलोड करने की अनुमति देता है, तो महिलाएं इसे आसानी से ऑनलाइन जमा कर सकती हैं.
विधवा पेंशन योजना के लिए आवश्यक दस्तावेज
विधवा पेंशन योजना के लिए आवेदन करते समय, रजिस्ट्रेशन के लिए निम्नलिखित दस्तावेज का होना ज़रूरी है:
- आवेदक की फोटो
- आईडी प्रूफ (आधार कार्ड, राशन कार्ड, वोटर आईडी कार्ड)
- जन्म प्रमाण पत्र
- बैंक पासबुक,
- पति का मृत्यु प्रमाणपत्र,
- इनकम का प्रमाणपत्र,
विधवा पेंशन योजना का विकल्प किसे चुनना चाहिए?
गरीबी रेखा से नीचे आने वाली अकेली महिलाएँ, जिनके ऊपर वित्तीय जिम्मेदारियां हैं और वे अपनी मौजूदा कमाई से इसके लिए भुगतान नहीं कर सकतीं और परिवार से सहायता मांगती हैं, विधवा पेंशन योजना के लिए अप्लाई कर सकती हैं. यह आर्थिक बोझ को काफी हद तक कम कर सकता है.
यह अकेली महिलाओं के लिए भी ज़रूरी है, जो अपने व्यक्तिगत विकास को पूरा करने के सपने देखती हैं. यह राशि हर महीने एक विशेष खर्च के लिए पर्याप्त हो सकती है ताकि बेहतर आत्मविश्वास के साथ उनके भविष्य की योजना बनाई जा सके.
अकेली महिलाएं जो आमदनी तो कर रही हैं, लेकिन अपने परिवारों की देखभाल नहीं कर सकतीं, जो उन पर निर्भर हैं, उन्हें इस योजना का विकल्प चुनना चाहिए. उदाहरण के लिए, वह अपने पति के माता-पिता और अपने बच्चों की जिंदगी के लिए ज़िम्मेदार हो सकती है.
एमडब्ल्यूपीए के तहत इंश्योरेंस पॉलिसी
अपनी पत्नी या बच्चों के अधिकारों की सुरक्षा के लिए, एक पति एमडब्ल्यूपीए (विवाहित महिला संपत्ति अधिनियम) के तहत अपने लिए एक इंश्योरेंस पॉलिसी खरीद सकता है और उसे मदद दे सकता है. पॉलिसी के बेनिफिशियरी पॉलिसीहोल्डर की पत्नी और/या बच्चे हो सकते हैं. पति की समय से पहले मृत्यु हो जाने की स्थिति में, पॉलिसी का डेथ बेनिफिट पत्नी और/या बच्चों को दिया जाएगा. पॉलिसी के बेनिफिट का क्लेम रिश्तेदार, माता-पिता, भाई-बहन या लेनदारों के जरिए नहीं किया जा सकता. इस तरह, यह पॉलिसीहोल्डर के निधन के मामले में उसके परिवार की सुरक्षा करता है.
अगर पॉलिसी में सर्वाइवल या मैच्योरिटी से जुड़े बेनिफिट शामिल हैं, तो इसका फ़ायदा पत्नी और/या उन बच्चों (बच्चों) को भी मिलेगा, जिन्हें पॉलिसी में लाभार्थी के रूप में नामित किया गया है.
अकेली महिलाओं को लाभ पहुँचाने के लिए लाइफ इंश्योरेंस रिटायरमेंट सॉल्यूशन
अपने परिवार के लिए वित्तीय सुरक्षा सुनिश्चित करना हर व्यक्ति की प्राथमिकता होनी चाहिए. पति की ग़ैर-मौजूदगी में, महिलाएँ बहुत तनाव में पड़ सकती हैं, जो उनकी सेहत और उनके बच्चों के भविष्य को प्रभावित कर सकता है. लाइफ़ इंश्योरेंस प्लान लाइफ़ कवर प्रदान करते हैं, जो पॉलिसी टर्म के दौरान इंश्योर्ड व्यक्ति की आकस्मिक मृत्यु हो जाने की स्थिति में प्रियजनों को डेथ बेनिफिट सुनिश्चित करेगा.
इंश्योरर रिटायरमेंट प्लान भी देते हैं जो एन्युटी बेनिफिट और सेविंग के अन्य विकल्पों के लिए अपनी रिटायरमेंट राशि को बढ़ाने में आपकी मदद करते हैं. उचित इनकम प्राप्त करने वाली अकेली महिलाएं रिटायरमेंट पॉलिसी खरीद सकती हैं, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि रिटायरमेंट के बाद अपने रोजमर्रा के खर्चों को मैनेज करने के लिए उन्हें रेगुलर मंथली इनकम मिले. यह उन्हें स्वतंत्र और सफल जीवन जीने में मदद करेगा.
हमारी टाटा एआईए रिटायरमेंट पॉलिसी व्यक्तिगत पारिवारिक जिम्मेदारियों के आधार पर इसमें बदलाव करने की सुविधा भी प्रदान करती है. उदाहरण के लिए, कोई व्यक्ति मंथली इनकम प्राप्त करना शुरू करने के लिए इमीडियेट या डैफर्ड एन्युटी विकल्पों को चुन सकता है या ज़्यादा से ज़्यादा फ़ायदे पाने के लिए इसे भविष्य के लिए टाल सकता है.
निष्कर्ष
भारत में महिलाओं को हमेशा आर्थिक रूप से स्वतंत्र रहने का माहौल दिया जाना चाहिए. विधवा पेंशन योजना एक विडो पेंशन स्कीम है, जिसे सरकार ने गरीबी रेखा से नीचे रहने वाली हर विधवा को पेंशन के रूप में वित्तीय सहायता देकर उन्हें सशक्त बनाने के लिए शुरू की है. आवेदन की प्रक्रिया और पेंशन की राशि राज्यों के बीच अलग-अलग होती है. हमारे देश में विधवाओं को ऐसी योजनाओं के बारे में शिक्षित करना ज़रूरी है, ताकि उन्हें परिवार की मदद लिए बिना अपनी आर्थिक स्थिति सुधारने में मदद मिल सके!
L&C/Advt/2023/Apr/1286