27 नवंबर 2019 |
आप जितनी जल्दी अपना रिटायरमेंट प्लान शुरू करेंगे, उतना ही बेहतर होगा. जल्दी शुरुआत के बेशक कई फायदे होते हैं; अपने पैसे में बढ़ोतरी करने और पर्याप्त अनुपात हासिल करने के लिए बहुत समय होता है. सुनिश्चित करें कि आपके सुनहरे वर्षों के दौरान अपनी लाइफ़स्टाइल को बनाए रखने में मदद करने के लिए यह कॉर्पस पर्याप्त है. महंगाई को ध्यान में रखना न भूलें.
भारत में पिछले कुछ वर्षों में औसत जीवन में वृद्धि देखी गई है. औसत जीवन 1969 में 47 वर्ष से बढ़कर 2019 में 69 वर्ष हो गया है. औसत जीवन के बढ़ने का मतलब यह भी है कि रिटायरमेंट के बाद के प्लान बनाने के लिए वर्षों की संख्या में वृद्धि हुई है.
आज के समय में, विकसित होती लाइफ़स्टाइल के साथ, कई बार सेविंग और रिटायरमेंट के लिए योजना बनाने की वजह से मदद मिलती है. हालाँकि, यह बिल्कुल सही तरीका नहीं है. यह ज़रूरी है कि आपके पास एक वित्तीय योजना तैयार हो, ताकि जब आपके पास इनकम का कोई सक्रीय सोर्स न हो, तो आपको अपने जीने के तरीके से समझौता न करना पड़े.
व्यापक रिटायरमेंट प्लान बनाने के लिए, आपको निम्नलिखित कारकों पर विचार करना होगा:
जल्दी शुरू
जब बात रिटायरमेंट प्लानिंग की आती है, तो 'अर्ली बर्ड गेट्स द वर्म' (पहले आओ ज्यादा पाओ) कहावत बहुत महत्वपूर्ण हो जाती है. यह देखते हुए कि आपका पैसा एक साथ बढ़ सकता है और एक समय के साथ अच्छी रकम बन सकता है, शुरुआत में मिलने वाले फ़ायदे बहुत ज़्यादा होते हैं.
उदाहरण के लिए, 35 साल की उम्र से हर साल 1 लाख रुपये का निवेश करने पर 60 साल की उम्र में रिटायरमेंट के लिए 79 लाख रुपये का कॉर्पस (फंड) मिलता है (अगर मान लें कि निवेश से प्रति वर्ष @8% रिटर्न मिलता है। अगर कोई 30 साल की उम्र से सिर्फ 5 साल पहले ही बचत करना शुरू कर देता है, तो वह 1.2 करोड़ का रिटायरमेंट कॉर्पस (फंड) बना पाएगा. (50% अतिरिक्त).
ज़्यादा बचत करना
जब आप रिटायरमेंट के लिए योजना बनाना शुरू करते हैं, तो यकीनन यह आम बात होती है. आपको अपनी लाइफस्टाइल को ध्यान में रखना होगा, आगे बढ़ने के लिए ज़रूरतों की एक लिस्ट तैयार करनी होगी और अपनी वृद्धअवस्था में होने वाले संभावित चिकित्सा खर्चों को ध्यान में रखना होगा. इस तरह, आप ऐसी राशि जमा कर पाएँगे, जिससे आपको सम्मानजनक लाइफस्टाइल बनाए रखने और जीवन के अन्य लक्ष्यों को पूरा करने में मदद मिलेगी. यह सुझाव दिया जाता है कि व्यक्ति को अपनी इनकम का कम से कम 20% बचाना चाहिए.
महंगाई की अनुमानित दर
रिटायरमेंट के बाद आपको जितनी राशि की ज़रूरत होगी, उसे पूरी तरह समझने के लिए, भविष्य में महंगाई की दर का अनुमान लगाना बहुत ज़रूरी है. हालांकि महंगाई में आमतौर पर शार्ट टर्म में ज्यादा उतार-चढ़ाव नहीं होता है, लेकिन संभावना है कि भविष्य में महंगाई बढ़ सकती है. इसलिए, अपने निवेश का मूल्यांकन करने से पहले महंगाई को ध्यान में रखना ज़रूरी है.
अगर आप इस स्टेप को नज़रअंदाज़ कर देते हैं, तो आपके पास पूरी धनराशि नहीं होगी, जो आपके आमदनी वाले वर्ष बीत जाने के बाद आपकी वित्तीय ज़रूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त नहीं होगी.
अपने जोखिम उठाने की क्षमता के बारे में जानना
आप कितना जोखिम उठाने को तैयार हैं, इसके आधार पर आपको अपना रिटायरमेंट सेविंग पोर्टफ़ोलियो बनाने के लिए उपयुक्त वित्तीय साधन चुनने चाहिए. उदाहरण के लिए, इक्विटी में निवेश से ज़्यादा रिटर्न मिलने की संभावना होती है, लेकिन इनमें ज़्यादा जोखिम होता है. दूसरी तरफ़, डेब्ट इंस्ट्रूमेंट - जोखिम को नियंत्रण में रखते हुए - संभावित रूप से स्थिर लेकिन कम रिटर्न देते हैं.
हालांकि हर व्यक्ति में जोखिम उठाने की क्षमता अलग-अलग होती है, विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि रिटायरमेंट बचत के शुरुआती चरणों में ज्यादा जोखिम वाले रिटर्न इंस्ट्रूमेंट (जैसे इक्विटीज़) में रिटायरमेंट बचत का अधिक हिस्सा रखें, जैसे ही रिटायरमेंट की तारीख के करीब पहुंचें, समझदारी से डेब्ट-ओरिएंटेड इंस्ट्रूमेंट्स की तरफ जाएँ.
टाटा एआईए लाइफ़ इंश्योरेंस में अपने फाइनेंस को बेहतर तरीके से प्लान करने में मदद करने के लिए कई तरह के रिटायरमेंट समाधान उपलब्ध हैं. आप अपनी मेहनत की कमाई को ऐसे चीजों में निवेश कर सकते हैं, ताकि रिटायर होने के बाद भी आप अपने अनुसार जीवन जी सकें.
L&C/Advt/2023/Feb/0644