01-08-2022 |
लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसीहोल्डर की मृत्यु होने की स्थिति में परिवार और प्रियजनों को वित्तीय सुरक्षा प्रदान करने के लिए डिज़ाइन की गई हैं. लाइफ इंश्योरेंस कंपनियां मेडिकल जानकारी मांगकर और यहां तक कि पुरे मेडिकल चेक- अप का अनुरोध करके पॉलिसीहोल्डर का इंश्योरेंस करने के जोखिम का आकलन करती हैं. आमतौर पर, गंभीर बीमारियों या ऐसी स्थितियों से पीड़ित लोगों के लिए, जिनसे मौत की संभावना बढ़ जाती है, उन्हें लाइफ पॉलिसी कवर के लिए मंज़ूरी मिलना मुश्किल हो जाता है.
अगर आपको हार्ट अटैक हुआ है और ठीक होने के बाद आपने लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी ख़रीदने का फ़ैसला किया है, तो आपको प्रीमियम दरों के लिए तैयार रहना होगा और यहाँ तक कि आपकी एप्लिकेशन को अस्वीकार भी किया जा सकता है. इस आर्टिकल में, हम हार्ट पेशेंट के लिए लाइफ इंश्योरेंस के बारे में बात करेंगे और बताएंगे कि कैसे वे परेशानी से मुक्त तरीके से और किफ़ायती दरों पर इसे प्राप्त कर सकते हैं.
हार्ट कंडीशन को समझना
हार्ट अटैक भारत में मौत के प्रमुख कारणों में से एक है. लोग दिल से जुड़ी कई बीमारियों से पीड़ित होते हैं जैसे कोरोनरी हार्ट डिजीज, एक्यूट कोरोनरी सिंड्रोम, हार्ट फ़ेलियर, एरिथमिया, वाल्व डिज़ीज़, और जन्मजात और विरासत में मिली दिल की बीमारियाँ. हालांकि ऐसी कई चीजें हैं जिनकी वजह से दिल की बीमारी हो सकती है, यहाँ कुछ कारक दिए गए हैं जिनसे हार्ट अटैक होने की संभावना बढ़ जाती है:
- 45 वर्ष से अधिक उम्र के पुरुषों और 55 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं को हार्ट अटैक होने का खतरा ज़्यादा होता है
- ज़्यादा खराब कोलेस्ट्रॉल स्तर
- मोटापा
- डाइबिटीज
- स्ट्रेस
- हाई ब्लड प्रेशर
- सेडेंटरी लाइफ़स्टाइल वगैरह.
हार्ट पेशेंट के लिए लाइफ़ इंश्योरेंस
एक इंश्योरेंस कंपनी पॉलिसीहोल्डर के इंश्योरेंस के जोखिम के आधार पर लाइफ़ पॉलिसी कवर और प्रीमियम का निर्धारण करेगी. इसलिए, हार्ट अटैक की हिस्ट्री वाले लोगों को ज़्यादा जोखिम वाले उम्मीदवार माना जाएगा.
हार्ट अटक होने के बाद ऑनलाइन लाइफ इंश्योरेंस खोजते समय इन कुछ बातों का ध्यान रखना ज़रूरी है:
- वह उम्र जब आपको हार्ट अटैक हुआ
जिन लोगों को कम उम्र में हार्ट अटैक हो जाता है, उनमें उम्र बढ़ने के साथ स्वास्थ्य समस्याएं होने का खतरा ज़्यादा होता है. इसलिए, अगर 50 के बाद एप्लीकेंट को हार्ट अटक हुआ, तो प्रीमियम पर ज़्यादा असर नहीं पड़ेगा.
- कितने समय पहले हार्ट अटैक हुआ था ?
बहुत से लोग हेल्थी लाइफ स्टाइल अपनाकर, नियमित दवाएँ लेने और अपने स्वास्थ्य को बेहतर तरीके से मैनेज करके हार्ट अटैक से ठीक हो जाते हैं. इसलिए, हार्ट अटैक होने के बाद लाइफ इंश्योरेंस की तलाश शुरू करने से पहले कुछ महीनों के लिए समय निकालना समझदारी की बात है.
- क्या हार्ट अटैक माइल्ड था या गंभीर था?
हार्ट अटैक तब माइल्ड हो सकता है जब केवल एक आर्टरी में रुकावट हो. कई इंश्योरर स्टैंडर्ड लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसियों के लिए ऐसे मामलों पर विचार करते हैं. हालाँकि, अगर ब्लॉकेज गंभीर और/या कई आर्टरी में है, तो आपके लिए लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी लेने की संभावना बहुत कम होगी. आसान शब्दों में, आपकी आर्टरी में रुकावट का प्रतिशत जितना अधिक होगा, लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी के लिए लागत प्रभावी कोटेशन मिलने की संभावना उतनी ही कम होगी.
- इंजेक्शन फ्रैक्शन
दिल के स्वास्थ्य का सबसे भरोसेमंद संकेतक बाएं वेंट्रिकल का इजेक्शन फ्रैक्शन है. यह बताता है कि हर धड़कन के साथ आपका दिल कितना खून पंप करता है. अगर आपको हार्ट अटैक हुआ है और इजेक्शन फ़्रैक्शन 50% + हुआ है, तो आप लाइफ पॉलिसी कवर के लिए बेहतर दरों की उम्मीद कर सकते हैं. यदि इंजेक्शन फ्रैक्शन 45% या उससे कम है, तो इंश्योरर आपके इंश्योरेंस एप्लीकेशन को अस्वीकार कर सकते हैं.
- संपूर्ण स्वास्थ्य स्थिति
अगर हार्ट अटैक ही एकमात्र मेडिकल कंडीशन है, तो हार्ट कंडीशन के साथ डाइबिटीज, ब्लड प्रेशर आदि जैसी कई अन्य बीमारियों के विपरीत उचित दरों पर लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी लेना आसान है.
हार्ट अटैक होने के बाद लाइफ इंश्योरेंस पर सही दरें पाने के अवसरों को बेहतर बनाने के लिए टिप्स
हार्ट अटैक इस बात का साफ़-साफ़ संकेत है कि आपकी एक या ज़्यादा आर्टरी में समस्या आ रही है. हालांकि यह सुनिश्चित करने के लिए दवाएँ हैं कि आर्टरी खुल जाएं और सही तरीके से काम करें, वे आमतौर पर गलत लाइफ स्टाइल विकल्पों का नतीजा होती हैं. इसलिए, हार्ट अटैक से उबरने के लिए आपको लाइफ स्टाइल से जुड़े कुछ प्रमुख फ़ैसले लेने होंगे. अगर आप पोस्ट हार्ट अटैक इंश्योरेंस कवरेज की तलाश कर रहे हैं, तो यहाँ कुछ सुझाव दिए गए हैं जिन्हें आप ध्यान में रख सकते हैं:
- अपने डॉक्टर की बात सुनें. दिए गए सभी डाइट, लाइफस्टाइल और दवाओं के सुझावों का पालन करें. इसके अलावा, सुनिश्चित करें कि आप रेगुलर रूप से अपने वाइटल की जांच करते रहें और अपने लिए एक स्वस्थ वर्शन की दिशा में काम करें.
- जिन लोगों का वज़न ज़्यादा है और जिन्हें हार्ट अटैक हुआ है, उन्हें अपना वज़न कंट्रोल में रखने वालों की तुलना में ज़्यादा खतरा माना जाता है. इसलिए, सुनिश्चित करें कि आप अपने वजन को कंट्रोल में रखने के लिए अपने डॉक्टर द्वारा सुझाए गए डाइट और एक्सरसाइज के नियमों का पालन करें.
- फैटी फ़ूड का हाई कोलेस्ट्रॉल लेवल और हार्ट अटैक में मुख्य योगदान माना जाता है. इसलिए, संतुलित आहार को शामिल करने के लिए अपने खाने की आदतों में बदलाव करें.
- अगर आप नियमित रूप से शराब पीते हैं या तम्बाकू चबाते हैं या सिगरेट पीते हैं, तो हार्ट अटैक आमतौर पर ऐसी किसी भी आदत को रोकने की निशानी है. इन आदतों को छोड़ने से हार्ट अटक पड़ने के बाद बेहतर तरीके से ठीक होने में मदद मिल सकती है और लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी लेने की संभावना बेहतर हो सकती है.
अगर आपको हार्ट अटैक पड़ने के बावजूद सही दरों पर लाइफ इंश्योरेंस प्लान मिल जाता है, तो सुनिश्चित करें कि आपने लंबी अवधि के लिए एक कॉम्प्रिहेंसिव पॉलिसी ख़रीदी हो. याद रखें, जैसे-जैसे आपकी उम्र बढ़ती है, स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं होने की संभावना बढ़ जाती है और एक अच्छी इंश्योरेंस पॉलिसी ढूंढना मुश्किल हो जाता है.
साथ ही, यह सुनिश्चित कर लें कि आपने बाज़ार में रिसर्च की हो और ख़रीदारी करने से पहले अलग-अलग इंश्योरेंस पॉलिसियों को देखा हो. टाटा एआईए लाइफ़ इंश्योरेंस पॉलिसी कई तरह की सुविधाएँ और फायदे प्रदान करती है, जो आपकी ज़रूरतों के लिए सही कवरेज पाने में आपकी मदद कर सकती हैं.
निष्कर्ष
अगर आपको हार्ट अटक पड़ा है, तो अपने सभी मेडिकल दस्तावेज़ इकट्ठा करें और सभी तथ्यों के साथ इंश्योरर से संपर्क करें. याद रखें, हार्ट अटैक पड़ने के बाद सही दरों के साथ लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी ढूंढना मुश्किल होगा. ऊपर दिए गए सुझावों को ध्यान में रखें और अपनी ज़रूरत के हिसाब से सुरक्षा पाएँ.
L&C/Advt/2023/Jun/1930