02-08-2022 |
वित्तीय स्थिरता हर व्यक्ति के लिए पैसों का एक महत्वपूर्ण लक्ष्य होता है. वे बड़ी उम्र में अपनी वित्तीय ज़रूरतों को पूरा करने में मदद करने के लिए अलग-अलग वित्तीय प्रॉडक्ट्स में निवेश करते हैं. दूसरी ओर, एम्प्लॉयर अपने एम्प्लॉई की अप्रत्याशित मृत्यु होने की स्थिति में परिवार को वित्तीय फायदा देने की ज़िम्मेदारी लेते हैं. एक साथ किए गए हर फ़ायदे से किसी भी स्थिति में परिवार का भविष्य सुरक्षित हो सकता है. और फैमिली पेंशन एक ऐसा साधन है, जिससे लगता है कि परिवार के एकमात्र कमाई करने वाले सदस्य की अनुपस्थिति में बड़े पैमाने पर परिवार को फ़ायदा होता है. यहाँ इसके बारे में विस्तार से बताया गया है.
फैमिली पेंशन क्या है?
अगर एम्प्लॉई काम के दौरान ही मर जाता है, तो फैमिली पेंशन एक वित्तीय बेनिफिट है, जो सरकारी एम्प्लॉई के परिवार को दिया जाता है. सरकार विधवा या विधुर को पेंशन देगी. और, विधवा या विधुर मौजूद न होने की स्थिति में बच्चों को पेंशन की पेशकश की जाती है.
यह बेनिफिट उठाने के लिए, सरकारी एम्प्लॉई को 1 जनवरी 1964 को या उससे पहले पेंशन योग्य प्रतिष्ठान का हिस्सा बन जाना चाहिए था. और ज्वाइनिंग की तारीख 31 दिसंबर 2003 को या उससे पहले होनी चाहिए.
फैमिली पेंशन की कैलकुलेशन बेसिक सैलरी के 30% पर की जाती है. और, यह न्यूनतम ₹3500 प्रति माह और अधिकतम मिलने वाली सबसे ज़्यादा सेलरी का 30% के अधीन होगा.
फैमिली पेंशन के प्रकार
पेंशन दो तरह की होती है.
- कम्यूटेड पेंशन - पेंशन का भुगतान परिवार के सदस्य को एकमुश्त किया जाता है और इस पर टैक्स* नहीं लगता है.
- बिना कम्यूट की पेंशन - पेंशन का भुगतान परिवार के सदस्य को रेगुलर मंथली इनकम के तौर पर किया जाता है. यह 15,000 रुपये या पेंशन का 1/3, इनमें से जो भी कम हो, तक टैक्स*-फ्री है.
फैमिली पेंशन स्कीम के लिए पात्रता मानदंड
सरकारी एम्प्लॉई को यह तय करना होगा कि उनकी मृत्यु के बाद किसे पेंशन मिलेगी. हालाँकि, चूंकि वे फ़ंड में योगदान नहीं दे रहे हैं, इसलिए उनका अपने परिवार को दी जाने वाली पेंशन राशि पर कंट्रोल नहीं होगा. यहां पात्रता मानदंडों के बारे में कुछ नियम दिए गए हैं.
जीवनसाथी के लिए पात्रता मानदंड
- विधवा या विधुर को उनकी मृत्यु या फिर से शादी होने तक, जो भी पहले हो, फैमिली पेंशन दी जाती है.
- अगर विधवा या विधुर के बच्चा नहीं है, तो वे दोबारा शादी करने पर पेंशन प्राप्त करना जारी रख सकते हैं और अन्य सभी स्रोतों से होने वाली इनकम न्यूनतम फैमिली पेंशन से कम है.
बच्चों के लिए पात्रता मापदंड
- सरकार बच्चों के जन्म के क्रम में ही उन्हें पारिवारिक पेंशन प्रदान करेगी. सबसे छोटा व्यक्ति तभी पात्र होगा, जब सबसे बड़ा या उससे अधिक उम्र का व्यक्ति इस बेनिफिट को पाने के लिए अयोग्य हो जाएगा.
- बच्चे को पेंशन देने के मामले में, पेंशन तब तक देय हो जाती है जब तक वे शादी नहीं कर लेते, 25 वर्ष के नहीं हो जाते या कमाई शुरू नहीं कर देते, जो भी पहले हो.
- जुड़वा बच्चों को देय पेंशन के मामले में, उन्हें समान रूप से फायदा दिया जाएगा.
- विधवा या विधुर द्वारा गोद लिए गए किसी भी बच्चे को परिवार का सदस्य नहीं माना जा सकता.
- अगर पति-पत्नी दोनों फैमिली पेंशन स्कीम के लिए पात्र हैं, तो बच्चे या बच्चों को फैमिली पेंशन दी जाएगी.
- अगर किसी विधवा/अविवाहि/तलाकशुदा बेटी को पारिवारिक पेंशन देय है, तो उसे तब तक भुगतान किया जाना चाहिए जब तक कि वह दोबारा शादी नहीं कर लेती या अपनी खुद की इनकम शुरू नहीं कर देती, जो भी पहले हो.
- अगर पेंशन पाने वाला परिवार का सदस्य विकलांग बच्चा है और कमाई नहीं कर पाता है, तो वे अपनी मृत्यु तक पेंशन पा सकते हैं. अगर बच्चा नाबालिग है, तो कानूनी अभिभावक उनकी ओर से पेंशन लेंगे.
पेंशनभोगी की मृत्यु के बाद परिवार को पारिवारिक पेंशन कैसे मिल सकती है?
पेंशनभोगी की मृत्यु के बाद पेंशन बेनिफिट का सलीम करना एक सरल प्रक्रिया है.
- दावेदार को पेंशन भुगतान करने वाले बैंक से संपर्क करना होगा और डेथ सर्टिफिकेट और पेंशनभोगी के पीपीओ का आधा हिस्सा (पेंशन पेमेंट ऑर्डर) देना होगा.
- अगर पेंशनभोगी का बैंक में अकाउंट नहीं है, तो नया अकाउंट खोलना होगा. दूसरी ओर, अगर यह जीवनसाथी के साथ जॉइंट अकाउंट है, तो वे पेंशन स्कीम को ऐक्टिवेट करने के लिए डेथ सर्टिफिकेट और आवेदन सबमिट कर सकते हैं.
- पेंशन प्लान को प्रोसेस करने के लिए क्लेमेंट को आवश्यक पहचान प्रमाण और निवास प्रमाण प्रदान करना होगा.
- बैंक पेंशनर की मृत्यु की तारीख के साथ अपने सिस्टम को अपडेट करेगा और पेंशन योजना को सक्रिय करेगा.
- बैंक पेंशनर के पीपीओ का आधा हिस्सा लौटा देगा और पेंशन को परिवार के सदस्य के अकाउंट में जमा करना शुरू कर देगा.
रिटायरमेंट प्लान से फैमिली पेंशन कैसे अलग है?
पेंशनर की मृत्यु के बाद परिवार के किसी सदस्य को पारिवारिक पेंशन मिलेगी. दूसरी ओर, पेंशन प्लान में निवेश करने वाले व्यक्ति को रिटायरमेंट पर पेंशन तब मिलेगी जब प्लान मैच्योर हो जाएगा या पॉलिसी की शर्तों के आधार पर बाद की तारीख तक टाल दिया जाएगा.
उदाहरण के लिए, जब आप टाटा एआईए रिटायरमेंट पॉलिसी में निवेश करते हैं, तो आप इमीडियेट और डिफर्ड एन्युटी प्लान में से किसी एक को चुन सकते हैं. इमीडियेट एन्युटी प्लान में प्लान के मैच्योर होने की तारीख से पेंशन का भुगतान शुरू हो जाता है और डिफर्ड एन्युटी प्लान आपकी प्राथमिकता के आधार पर बाद की तारीख से पेंशन का भुगतान करना शुरू कर देगा.
भविष्य के लिए फ़ंड सुरक्षित करने और अपने रिटायरमेंट जीवन को शांति से जीने के लिए रिटायरमेंट प्लानिंग ज़रूरी है. हम लाइफ कवर के साथ रिटायरमेंट सॉलूशन भी ऑफ़र करते हैं और मैच्योरिटी पर 1 रिटर्न की गारंटी भी देते हैं, ताकि आपके परिवार की सुरक्षा करते हुए रिटायरमेंट के बाद आपके पैसों के लक्ष्यों को पूरा करने में मदद मिल सके.
निष्कर्ष
कमाई करने वाले एकमात्र सदस्य की मौजूदगी के बिना परिवार के गुजारा करने के लिए वित्तीय सुरक्षा ज़रूरी है. इसलिए, सरकार ने मृतक पेंशनभोगी के परिवार की मदद करने के लिए फैमिली पेंशन स्कीम शुरू की. यह स्कीम उस एम्प्लॉई के परिवार को पेंशन प्रदान करेगी, जिसकी सेवा के दौरान अप्रत्याशित रूप से मृत्यु हो जाती है. यह किसी संकट के दौरान वित्तीय बोझ को कम करने का एक शानदार तरीका है.
एक फैमिली पेंशन स्कीम से परिवार की सुरक्षा हो सकती है, रिटायरमेंट पेंशन प्लान से लोगों को मेडिकल और अन्य खर्चों के लिए सेविंग करके अपने रिटायरमेंट जीवन को सुरक्षित रखने में मदद मिल सकती है. निवेश करने के बहुत सारे विकल्प हैं. अपनी वित्तीय ज़रूरतों और इनकम के हिसाब से किसी एक को चुनना एक समझदारी भरा फैसला होगा!
L&C/Advt/2023/Jul/2268