अगर कोई अपने प्रियजन को खो देता है, जो परिवार में कमाई करने वाला एकमात्र सदस्य था, तो यह बहुत ही आर्थिक असंतुलन और परेशानी का कारण बनता है. ऐसी स्थिति में, सही समय पर टर्म इंश्योरेंस पॉलिसी लेने से परिवार पर आर्थिक बोझ काफी हद तक दूर हो जाएगा. परिवार को आर्थिक बोझ से बचाने के लिए, नियुक्त पॉलिसी नॉमिनी को भावनात्मक असंतुलन के बीच डेथ बेनिफिट पाने के लिए ज़रूरी कदम उठाने होंगे.
यहां कुछ प्रमुख बातें दी गई हैं, जिन्हें डेथ क्लेम फाइल करते समय ध्यान में रखना चाहिए.
डेथ क्लेम क्या है?
जब पॉलिसीहोल्डर की टर्म प्लान अवधि के भीतर मृत्यु हो जाती है, यानी पॉलिसी की मैच्योरिटी तारीख से पहले, नॉमिनी पूर्व निर्धारित सम एश्योर्ड (बीमा राशि) प्राप्त करने का हकदार होता है. सम एश्योर्ड का लाभ उठाने के लिए, नॉमिनी को डेथ सर्टिफिकेट और अन्य ज़रूरी दस्तावेज़ों के साथ इंश्योरेंस कंपनी के पास डेथ क्लेम फाइल करना होगा.
डेथ क्लेम कैसे फाइल करें?
डेथ क्लेम फाइल करने से पहले, हर व्यक्ति को अलग-अलग प्रक्रियाओं और ज़रूरी दस्तावेज़ों की जानकारी होनी चाहिए. इंश्योरेंस कंपनी दो प्रकर की डेथ पर विचार करती है; पॉलिसी टर्म खत्म होने से पहले डेथ होना और पॉलिसी टर्म खत्म होने के बाद डेथ होना.
अगर इंश्योर्ड व्यक्ति की टर्म प्लान की अवधि के तीन साल के अंदर डेथ हो जाती है, तो इसे समय से पहले डेथ होना कहा जाता है, और दूसरी स्तिथि में टर्म प्लान की अवधि के बाद डेथ होना कहा जाता है. टर्म इंश्योरेंस के आधार पर डेथ क्लेम के लिए ज़रूरी दस्तावेज़ों की लिस्ट अलग-अलग इंश्योरेंस कंपनी के बीच अलग-अलग होती है.
डेथ क्लेम लेने के लिए कैसे संपर्क किया जाता है, इसके बारे में विस्तार से विवरण यहां दिया गया है.
1. इंश्योरर को सूचित करें - प्राथमिक ज़िम्मेदारी के तौर पर, इंश्योरेंस कंपनी को इंश्योर्ड व्यक्ति की डेथ के बारे में सूचित करना बहुत ज़रूरी है. यह काम जल्द से जल्द होना चाहिए. इंश्योरर को टेलीफ़ोनिक कॉल या लागू होने वाले अन्य ऑनलाइन विकल्पों के जरिए डेथ के बारे में सूचित किया जा सकता है.
2. क्लेम प्रोसेस — क्लेम प्रोसेस शुरू करने के लिए, नॉमिनी को सहायक और वैलिड दस्तावेज़ सबमिट करने होंगे. प्राकृतिक और आकस्मिक मृत्यु के मामले में ज़रूरी दस्तावेज़ों अलग अलग हो सकते हैं. कंपनी सभी दस्तावेजों की जांच करेगी, क्लेम और नॉमिनी डिक्लेरेशन का आकलन करेगी.
प्राकृतिक मृत्यु के लिए आवश्यक दस्तावेजों की लिस्ट:
लाइफ इंश्योरेंस टर्म प्लान के मूल दस्तावेज़.
मूल डेथ सर्टिफिकेट या उसकी कॉपी.
डेथ की हॉस्पिटल मेडिकल रिपोर्ट, यदि कोई हो.
पहचान प्रूफ और नॉमिनी का एड्रेस प्रूफ .
- बैंक पासबुक डिटेल्स.
इन दस्तावेजों के अलावा नॉमिनी को कंपनी से क्लेम फॉर्म लेना चाहिए. इसमें ज़रूरी जानकारी भरी जानी चाहिए और क्लेम के लिए सही से साइन करके सबमिट किया जाना चाहिए.
आकस्मिक मृत्यु के लिए आवश्यक दस्तावेजों की लिस्ट:
मूल टर्म इंश्योरेंस पॉलिसी दस्तावेज.
तारीख, दुर्घटना के प्रकार और स्थान के बारे में विस्तृत रिपोर्ट.
पोस्टमार्टम रिपोर्ट.
एफआईआर रिपोर्ट.
अंतिम पुलिस जांच रिपोर्ट.
नियोक्ता (एम्प्लॉयर) की रिपोर्ट.
डॉक्टर का बयान.
अस्पताल का घोषणापत्र.
डेथ सर्टिफिकेट.
श्मशान प्रमाण पत्र.
मेडिकल रिपोर्ट जैसे कि टेस्ट रिपोर्ट, एडमिशन और डिस्चार्ज की समरी .
रिश्ते की पुष्टि करने के लिए पॉलिसीहोल्डर और बेनिफिशियरी के पहचान का प्रूफ.
इन फ़ॉर्म के साथ, भारत में सड़क दुर्घटना में होने वाले डेथ क्लेम के लिए इंश्योरेंस कंपनी द्वारा जारी की गई एक्सीडेंटल डेथ क्लेम रिपोर्ट सबमिट करना भी ज़रूरी है.
दस्तावेजों के पुष्टि करने के बाद क्लेम पर आगे कार्रवाई की जाएगी.
3. क्लेम सेटलमेंट — क्लेम प्रोसेस की कार्यवाही के आधार पर, इंश्योरेंस कंपनी किसी अन्य सहायक दस्तावेज़ की आवश्यकता होने पर सूचित करेगी. अगर सभी ज़रूरतें पूरी हो जाती हैं, तो इंश्योरेंस कंपनी क्लेम सेटल करने के लिए आगे कार्यवाही करेगी . पे-आउट को लाभार्थी (बेनिफिशियरी) के बैंक अकाउंट में ट्रांसफर किया जाएगा. समय पर भुगतान प्राप्त करने के लिए, अकाउंट की सही जानकारी देना सुनिश्चित करें.
टर्म इंश्योरेंस डेथ क्लेम
वित्तीय संकट की स्थिति में टर्म प्लान परिवार के सदस्यों को वित्तीय सुरक्षा का काम करेगा. टर्म इंश्योरेंस लेने वाले व्यक्ति को व्यक्तिगत वित्तीय जिम्मेदारियों जैसे कि कर्ज, बच्चों की शिक्षा, शादी आदि पर विचार करना चाहिए. टर्म बीमा कैलकुलेटर का इस्तेमाल करके, कोई टर्म लाइफ़ इंश्योरेंस के कोट्स की तुलना कर सकता है और सम एश्योर्ड के लिए भुगतान की जाने वाली प्रीमियम राशि का पता लगा सकता है.
नॉमिनी को भरने करने का प्रोसेस भी उतना ही महत्वपूर्ण है. नॉमिनी माता-पिता, जीवनसाथी, बच्चा या पोता कोई भी हो सकता है.
टाटा एआईए लाइफ़ इंश्योरेंस के साथ डेथ क्लेम ऑनलाइन फाइल करना
आप टाटा एआईए लाइफ़ इंश्योरेंस प्लान देख सकते हैं और हमारा टर्म इंश्योरेंस ऑनलाइन खरीद सकते हैं, आसान और तुरंत क्लेम सेटलमेंट के साथ, हमारे टर्म प्लान टर्म प्लान के सभी महत्वपूर्ण बेनिफिट प्रदान करते हैं.
टाटा एआईए क्लेम सेटलमेंट तेज़, आसान और सहज है. यह 3-स्टेप की एक सरल प्रक्रिया है:
रजिस्टर करें और क्लेम दस्तावेज़ अपलोड करें
हमारे द्वारा दस्तावेज़ की पुष्टि और क्लेम प्रोसेस किया जाएगा
दस्तावेज़ की पुष्टि करने के बाद, क्लेम राशि दे दी जाएगी
टाटा एआईए टर्म प्लान के जरिए नॉमिनी डेथ क्लेम ऑनलाइन फाइल कर सकता है. यहाँ स्टेप दिए गए हैं:
वेबसाइट पर, कस्टमर सर्विस पर क्लिक करें और 'क्लेम विथ इजी' चुनें.
पेज पर, 'रजिस्टर क्लेम ऑनलाइन' चुनें. आप किसी भी सवाल के मामले में पेज पर आवश्यक दस्तावेज़ों की लिस्ट और अक्सर पूछे जाने वाले सवाल की लिस्ट भी देख सकते हैं.
क्लेम रजिस्ट्रेशन पेज पर, पॉलिसीहोल्डर का नाम, इंश्योर्ड व्यक्ति का नाम, मृत्यु की तारीख, क्लेम का प्रकार, क्लेम करने वाले का विवरण (नॉमिनी) जैसी जानकारी दें. 'क्लेम ऑनलाइन सबमिट क्लेम करें' पर क्लिक करें.
स्क्रीन पर दिए गए प्रोसेस को फॉलो करें.
अपने क्लेम सेटलमेंट के लिए जरूरी दस्तावेज़ अपलोड करें.
आप निम्नलिखित प्रक्रियाओं के माध्यम से भी क्लेम फाइल कर सकते हैंः
हमे इस नंबर पर कॉल करें - 1860-266-9966 (भारत) या +91-80-67603700 (एनआरआई ग्राहक)
व्हाट्सएप - CLAIM टाइप करें और +91- 7045669966 पर भेजें
ईमेल करें - claims@tataaia.com
पोस्ट करें - हमें इस पते पर लिखें: टाटा एआईए लाइफ इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड, दावा विभाग, 9वीं मंजिल, बी विंग,
आई-थिंक टेक्नो कैंपस (लोढा), टीसीएस के पीछे, पोखरण रोड नंबर 2, ठाणे(पश्चिम), मुंबई - 400 607.
आपके द्वारा सफलतापूर्वक क्लेम फाइल करने के बाद, आप किसी भी अपडेट के लिए उसे ट्रैक कर सकते हैं. बस अपना पॉलिसी नंबर और केस नंबर डालें और 'स्टेटस दिखाएं' पर क्लिक करें.
निष्कर्ष
इस आर्टिकल में दिखाया गया है की डेथ क्लेम का क्या मतलब है, टर्म इंश्योरेंस में डेथ क्लेम के लिए संपर्क कैसे किया जाता है, और ज़रूरी दस्तावेज़ों के बारे में बताया गया है. डेथ क्लेम से मिलने वाली राशि का इस्तेमाल भविष्य में किसी भी डेब्ट या अन्य प्रमुख वित्तीय जिम्मेदारियों को दूर करने के लिए किया जा सकता है. यह भी चर्चा की गई है कि क्लेम सेटलमेंट की प्रक्रिया ऑनलाइन कैसे की जा सकती है. प्राथमिक ज़िम्मेदारी के तौर पर, नॉमिनी को इंश्योरेंस कंपनी को पॉलिसीहोल्डर की डेथ के बारे में सूचित करना चाहिए और जितनी जल्दी हो सके क्लेम प्रक्रिया के साथ आगे बढ़ना चाहिए. समय पर कार्रवाई और सही दस्तावेज़ सबमिट करने से डेथ क्लेम की प्रक्रिया आसान हो जाएगी!
L&C/Advt/2023/Apr/1265