भारतीय अपने पैसे कहाँ निवेश करते हैं, इसका ब्रेकअप
14-जून-2021 |
भारतीयों के पास आज पहले से ज़्यादा पैसा है और वे निवेश करना चाहते हैं. टेक्नोलॉजी के आने से वित्तीय साक्षरता को बढ़ावा दिया है, और व्यक्ति अब ज़्यादा आकर्षक अवसरों की ओर बढ़ रहे हैं, जो ज़्यादा रिटर्न देते हैं और डाइवर्सिफिकेशन के माध्यम से अपने जोखिम पोर्टफोलियो को पूरा करने में मदद करते हैं.
ये नॉन-ट्रडिशनल एसेट क्लास लोगों को ऐसे विकल्प तलाशने की सुविधा देते हैं, जो एक समर्पित उद्देश्य को पूरा कर सकते हैं, जैसे कि समय के साथ वेल्थ बनाने के लिए स्टॉक या वित्तीय स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए रेगुलर इनकम प्लान, या शायद वित्तीय लक्ष्यों को पूरा करने के लिए राशि जमा करने के लिए सेविंग प्लान.
यहाँ हम यह पता लगाते हैं कि लोग भारत में पैसा कहाँ निवेश करते हैं:
इक्विटी
सिक्योरिटीज़ मार्किट पिछले दशक में काफी हद तक तेजी के साथ बनी हुई हैं और रुकने के कोई संकेत नहीं हैं, और ज़्यादा निवेशक अक्सर होने वाली रैलियों का फ़ायदा उठाना चाहते हैं. स्टॉक, भले ही ज़्यादा जोखिम वाले इंस्ट्रूमेंट हों, एक फायदेमंद निवेश हैं और अपेक्षाकृत सुरक्षित विकल्प जैसे कि ब्लू-चिप स्टॉक, ज़्यादातर स्थिर लेकिन महत्वपूर्ण प्रॉफिट के साथ पनपे हैं.
व्यक्तियों के लिए ज़्यादा लाभ देने वाला निवेश विकल्प इनिशियल पब्लिक ऑफ़र (आईपीओ) हो सकता है, यानी जब कंपनियां पहली बार ओपन मार्केट में अपने शेयर ऑफ़र करती हैं. इन शेयरों के लिए एप्लीकेशन प्राप्त होती हैं, जिनकी कीमत रेंज के तौर पर होती है और ऐसे शेयर मिलने वाले को अक्सर कम समय में ही अपने निवेश पर बड़ा रिटर्न मिलता है.
म्यूचुअल फंड
म्यूचुअल फंड एक आंशिक स्वामित्व वाला निवेश विकल्प है, जिसमें कई निवेशकों से बहुत सारा पैसा जुटाया जाता है और जोखिम के विभिन्न स्तरों पर कई एसेट क्लास के बीच विविधता लाई जाती है. ये फ़ंड उन निवेशकों के लिए बहुत बढ़िया विकल्प हैं, जो व्यक्तिगत विविधता योजना बनाने में समय नहीं बिताना चाहते हैं, लेकिन अपने पैसे को मैनेज्ड रिस्क एन्वॉयरमेंट में लगाना चाहते हैं.
म्यूचुअल फंड उन निवेशकों को सिस्टमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (एसआईपी) ऑफ़र करने के लिए भी जाने जाते हैं, जो एक ही भुगतान में लम्पसम राशि की तुलना में नियमित अंतराल पर छोटी राशि का योगदान करना चाहते हैं. इससे निवेशक एक ही समय में निवेश कर सकते हैं और अपनी बचत को कंपाउंड कर सकते हैं और साथ ही रुपये की लागत का औसत भी शामिल कर सकते हैं, जिससे निवेशक मार्केट में उतार-चढ़ाव की अवधि के दौरान अपनी बचत का औसत निकाल सकते हैं.
बैंक डिपॉजिट
फिक्स्ड डिपॉजिट: भारत की अधिकांश आबादी फिक्स्ड डिपॉजिट में निवेश करती है. ये कम जोखिम वाले, कम रिटर्न वाले निवेश हैं जिन्हें डेब्ट के लिए कोलैटरल के रूप में भी इस्तेमाल किया जा सकता है. फिक्स्ड डिपॉजिट में सात दिन से लेकर दस साल तक के कई तरह के इन्वेस्टमेंट पीरियड मिलते हैं. इससे लोगों को मार्केट के उतार-चढ़ाव और जोखिम से जूझने की ज़रूरत नहीं पड़ती, साथ ही शॉर्ट टर्म में पैसे निवेश करने का और साथ ही एक लंबी अवधि के लिए फंड लॉक करने का मौका मिलता है.
रेकरिंग डिपॉजिट: रेकरिंग डिपॉजिट भारतीयों द्वारा चुना गया एक और निवेश है, जिसके मंथली योगदान से बचत होती है और साथ ही साथ कैपिटल पर ब्याज़ भी मिलता है. आरडी नेचर में एसआईपी की तरह होती हैं; हालाँकि, वे निवेश पर बहुत कम रिटर्न देते हैं, हालाँकि इनमे दुसरो के मुकाबले कम जोखिम होता है.
बॉन्ड
बॉन्ड डेब्ट इंस्ट्रूमेंट होते हैं, जिन्हें कॉर्पोरेशन और सरकार द्वारा किसी खास उद्देश्य के लिए फ़ंड जुटाने के लिए जारी किया जाता है. ये कम जोखिम वाले निवेश विकल्प हैं, जो पहले से निर्धारित समयावधि में ब्याज़ भुगतान के रूप में नियर-गारंटीड# रिटर्न और निश्चित इनकम प्रदान करते हैं. सरकार टैक्स-फ्री* विकल्प भी प्रदान करती है, जिन पर अच्छी ब्याज़ दरें मिलती हैं और जिन पर सरकार द्वारा बीमा किया जाता है, ताकि वे कम जोखिम लेने की क्षमता वाले व्यक्तियों के लिए तनाव-मुक्त निवेश के अवसर प्रदान कर सके.
एम्प्लॉई प्रोविडेंट फ़ंड
प्रोविडेंट फ़ंड, रिटायरमेंट स्कीम में किया जाने वाला निवेश है, जिसमें किसी एम्प्लॉई की सैलरी का एक हिस्सा, जो एम्प्लॉयर के हिसाब से मैच करता है, फ़ंड में योगदान दिया जाता है. फंड के साथ पूंजी की सुरक्षा के लिए सॉवरेन गारंटी# दी जाती है और लंबे समय तक लॉक-इन पीरियड्स के साथ, कंपाउंडिंग से संपत्ति का एक बड़ा पूल बनता है और साथ ही टैक्स* में कटौती भी मिलती है.
अश्योर्ड इनकम इंश्योरेंस प्लान
एश्योर्ड इनकम इंश्योरेंस प्लान एक गारंटीड# मनी इन्वेस्टमेंट प्लान होता है, जिसे अक्सर वे पसंद करते हैं जो जोखिम से दूर रहना चाहते हैं और अपने पैसे को ऐसे विकल्पों में रखते हैं, जो उनकी कमाई की सुरक्षा की गारंटी दे सकते हैं और, शायद, धीरे-धीरे लेकिन यकीनन डेवलप हो सकते हैं. इसके अलावा, इन प्लान में लाइफ़ कवर का एक कॉम्पोनेन्ट होता है, जो आपकी अनुपस्थिति में परिवार के लिए# वित्तीय सुरक्षा की गारंटी# देता है.
टाटा एआईए लाइफ़ गारंटीड# रिटर्न प्लान और रेगुलर इनकम प्लान्स ऐसे विकल्प हैं, जो कम जोखिम लेने की क्षमता वाले व्यक्ति के लिए ऐसे विकल्पों की तलाश करते हैं, जो उन्हें मैच्योरिटी पर गारंटीड# इनकम के साथ-साथ लाइफ़ कवरेज प्रदान कर सकें, साथ ही प्रीमियम रिटर्न का अतिरिक्त फायदा भी मिल सके.
लाइफ इंश्योरेंस प्लान
भारतीयों को लाइफ इंश्योरेंस प्लान में निवेश करते देखा गया है, ताकि वे अपने भविष्य को सुरक्षित रख सकें, अपने रिटायरमेंट के लिए एक सुरक्षित विकल्प की तलाश कर सकें और यहाँ तक कि अगर वे जीवित नहीं हैं, तब वे अपने परिवार की सुरक्षा कर सकें. निवेश में विविधता लाने के लिए इंश्योरेंस प्लान एक बढ़िया विकल्प हैं; वे बहुत कम जोखिम वाले इंस्ट्रूमेंट हैं और इनमें टैक्स* के फायदे के साथ अच्छी वित्तीय सुरक्षा भी मिलती है.
ट्रेडिशनल एसेट क्लासेस
ट्रेडिशनल एसेट्स, जैसे कि सोना और रियल एस्टेट अभी भी भारतीयों द्वारा किए गए सबसे बड़े निवेशों में से एक है, फिजिकल एसेट्स में किए गए सभी निवेशों में सोने का लगभग 48% हिस्सा होता है. ये एसेट्स पूरी हिस्ट्री में ज़्यादा सुरक्षित निवेश साबित हुए हैं; हालाँकि, भारत में ज़्यादातर व्यक्ति इन विकल्पों को निवेश के अवसर के तौर पर नहीं, बल्कि संस्कृति और विरासत का हिस्सा मानते हैं.
निष्कर्ष
भारतीय अर्थव्यवस्था के उदय से फाइनेंशियल इन्क्लूशन में सुधार हो रहा है और दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी जनसंख्या होने के नाते, भारत ग्लोबल फाइनेंशियल मार्किट में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. बढ़ती वित्तीय साक्षरता के कारण युवा भारतीय नए अवसरों में निवेश कर सकते हैं, जो बहुत कम समय में महत्वपूर्ण रिटर्न देते हैं, हालांकि इसमें कुछ जोखिम भी होते हैं, यह युवाओं की उच्च जोखिम क्षमता को टक्कर देने के लिए है.
मॉडर्न निवेश प्लेटफ़ॉर्म की शुरुआत से विभिन्न विकल्पों के बीच कॉम्प्रिहेंसिव एनालिसिस और विस्तृत तुलना की जा सकती है, जिससे भारतीय अर्थव्यवस्था के फाइनेंशियल लैंडस्केप को बेहतर ढंग से समझ सकते हैं और अपने लक्ष्यों के अनुसार अपनी कमाई को एलोकेट कर सकते हैं.